उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाहुबली नेता और 5 बार के विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का गुरुवार, 28 मार्च को निधन हो गया है. खाने में जहर देने के आरोपों के बाद मुख्तार अंसारी को बांदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली. मुख्तार पर दर्जनों केस दर्ज थे और वे 19 साल से जेल में बंद थे. मुख्तार पर कितने और कौन से आपराधिक मामले दर्ज थे, ये बताते हैं.
मुख्तार अंसारी पर 65 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. ये मामले नई दिल्ली, पंजाब, उतर प्रदेश के जनपद गाजीपुर, वाराणसी, चन्दौली, आजमगढ़, मऊ, सोनभद्र, लखनऊ, बाराबंकी और आगरा के हैं. इन शहरों और राज्यों के थानों में मुख्तार के खिलाफ दर्जनों केस दर्ज हैं. मुख्तार पर:
हत्या
लूट
डकैती
अपहरण
रंगदारी
गैंगस्टर एक्ट
एनएसए के तहत मामले दर्ज हैं. इसके आलावा और भी कई आरोप उन पर लगे थे.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ 65 में से फिलहाल 21 मामलों पर सुनवाई चल रही थी. पिछले दो सालों में मुख्तार को 8 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी थी.
8 मामलों के दोषी पाए गए थे मुख्तार अंसारी
21 सितंबर 2022: मुख्तार को लखनऊ में धारा 353/504/506 के तहत 7 साल के कठोर कारावास और 37 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
23 सितंबर 2022: गैंगेस्टर एक्ट की धारा 2/3 के तहत लखनऊ में 5 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
15 दिसंबर 2022: गैंगेस्टर एक्ट की धारा 3 (1) के तहत जनपद गाजीपुर में 10 साल के कारावास और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
29 अप्रैल 2023: गैंगेस्टर एक्ट की धारा 3 (1) के तहत जनपद गाजीपुर में 10 साल की जेल और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
5 जून 2023: धारा 147/148/149/302 के तहत जनपद वाराणसी में आजीवन कारावास और 1 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
26 अक्टूर 2023: गैंगेस्टर एक्ट की धारा 3 (1) के तहत जनपद गाजीपुर में मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी सोनू यादव को एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी पाया.
27 अक्टूबर 2023: मुख्तार अंसारी को 10 साल की कठोर कारावास और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
15 दिसंबर 2023: धारा 506 के तहत जनपद वाराणसी में मुख्तार अंसारी को 5 साल 6 माहीने की जेल और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. अगर जुर्माना नहीं दिया तो 2 माहीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी.
13 मार्च 2024: धारा 467/468/420/120बी और भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के तहत वाराणसी की एमपी.एमएल/एंटी करप्शन कोर्ट ने आजीवन कारावास और 2 लाख 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. अगर जुर्माना नहीं दिया तो 1 साल 1 हफ्ते की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी.
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