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10वीं फेल ने पढ़े-लिखे लोगों को लगाया करोड़ों का चूना, काम पर रखे थे इंजीनियर

गूगल प्ले स्टोर पर आईटीसी ट्रेड नाम की फर्जी एप्लीकेशन तैयार कर रखी है जिसके द्वारा लोगों से ठगी की जाती है

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राजस्थान के जयपुर में राजसमन्द के मार्बल व्यवसायी के साथ फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड सहित 4 ठगों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है. इस गिरोह का मास्टर माइंड खुद 10वीं फेल है, जबकि गिरोह में बीई व बीटेक किए हुए लोगों को रखा गया था. गूगल प्ले स्टोर पर आईटीसी ट्रेड नाम की फर्जी एप्लीकेशन तैयार कर लोगों से ठगी की जा रही थी .

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एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार मुख्य आरोपी रेहान खान (19) सूरत, गुजरात का रहने वाला है. इसके साथ रोहताश, बिहार निवासी अमीश दुबे (28) जिला , मोहम्मद जेद (23) एवं मदनी (20) को भी गिरफ्तार किया गया है. इस गिरोह द्वारा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मुंबई व अन्य राज्यों के कई लोगों को फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर ठगी का शिकार बना करोड़ों रूपयों की ठगी की जा चुकी है.

ठगी का अनूठा तरीका, ट्रेड नाम की फर्जी एप्लीकेशन से करते हैं ठगी

गिरोह के मास्टर माइंड रेहान द्वारा गूगल प्ले स्टोर पर आईटीसी ट्रेड नाम की फर्जी एप्लीकेशन बनाई गई है. इसमें फोरेक्स ट्रेडिंग की मार्केटिंग में उतार चढाव को दर्शाया जाता है. लेकिन यह खुद रिहान के हाथ में रहता है कि कब कितना दिखाना है. सबसे पहले अपने दोस्तों के परिचितों को निशाना बनाया जाता है जो पैसो की तंगी से जूझ रहे हों और उनके बैंक खातें खुलवाकर उनके चैक बुक, एटीएम कार्ड , ऑनलाइन बैंकिंग के लाॅग इन आईडी पासवर्ड ले लेता है, जिसके बदले में उन्हें कुछ पैसे दे देता है.

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10वीं फेल ठग ने कमीशन के बदले रखे हैं एक्सपर्ट

19 वर्षीय रेहान गिरोह के दूसरे सदस्यों को कमीशन के आधार पर अपनी टीम में शामिल करता है. गिरोह के सदस्य जैद बैंलिम को रेहान लोगों के मोबाइल नंबर व नाम की सूची उपलब्ध करवाता है. उसके बाद जैद बैलिम टारगेट किये गये लोगों को फोरेक्स ट्रेडिंग करने के बारे में जानकारी देकर मुनाफे का लुभावना ऑफर देकर अपने जाल में फंसाता है.

जैसे ही उसके द्वारा फोरेक्स ट्रेडिंग करने के लिये हामी भर दी जाती है तो रेहान के द्वारा दिये गये बैंक खाते में पीड़ित से पैसा जमा करा लेता है. जैसे ही पैसा खातें में जमा होता है तो तुरन्त रेहान उन खातों से पैसा अन्य बैंक खातों में ट्रान्सफर कर देता था और गिरोह का तीसरा सदस्य मदनी पैसा खातों में आते ही निकाल लेता था.

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