ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP: गेमिंग ऐप के जरिए हो रहा था धर्मांतरण, हारने पर करते थे बच्चों का ब्रेन वॉश

Religious Conversion in UP: बच्चे गेम हार जाते थे, तो उन्हें जीतने के लिए कुरान की आयतें पढ़ने के लिए कहा जाता था.

Published
UP: गेमिंग ऐप के जरिए हो रहा था धर्मांतरण, हारने पर करते थे बच्चों का ब्रेन वॉश
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद जिले में गेमिंग ऐप के जरिए नाबालिगों के धर्म परिवर्तन करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक मौलवी को गाजियाबाद के संजय नगर से गिरफ्तार किया है. पुलिस सूत्रों का दावा है कि वो धर्म परिवर्तन के लिए नाबालिगों को उकसाते थे और करीब 2 साल से पूरा खेल चल रहा था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

केंद्र सरकार ने लिया संज्ञान

जानकारी के अनुसार, केंद्र और राज्य की सरकारों ने मामले का संज्ञान लिया है और यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि "गिरोह के तौर-तरीकों" के परिणामस्वरूप कितने बच्चे दूसरे धर्म में परिवर्तित हुए हैं.

कैसे हुआ खुलासा?

'क्विंट हिंदी' से बात करते हुए गाजियाबाद के DCP निपुन अग्रवाल ने कहा, "30 मई को, कवि नगर पुलिस स्टेशन में धर्म परिवर्तन का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें दो लोगों को नामजद किया गया था और उनकी पहचान ठाणे, महाराष्ट्र के रहने वाले शाहनवाज खान उर्फ ​​बद्दो और संजय नगर इलाके में रहने वाले एक मस्जिद के मौलवी नन्नी उर्फ अब्दुल रहमान के रूप में हुई थी."

पुलिस ने मौलवी को किया गिरफ्तार

DCP निपुन अग्रवाल ने कहा, " इस मामले में पुलिस ने अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है, जो सजय नगर के सेक्टर 23 की एक मस्जिद में मौलवी थी. वो यूपी के बलिया का निवासी है और कई वर्षों से गाजियाबाद में रह रहा है. वो 10वीं पास है."

हमारे संज्ञान में अब तक कुल चार मामले आये हैं. इसमें से दो गाजियाबाद, एक फरिदाबाद (हरियाणा) और चंडीगढ़ का है, जहां अब तक कुलचार नाबालिगों को इन लोगों ने निशाना बनाया है और धर्म परिवर्तन किया है.
निपुन अग्रवाल, DCP, गाजियाबाद

जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के सजय नगर निवासी एक पीड़ित माता-पिता ने 30 मई को कविनगर थाने में मामाल दर्ज कराया था, जिसमें धर्म परिवर्तन की बात कही गई थी. इसके बाद पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश किया.

डीसीपी ने बताया कि संजय नगर का मामला सामने आने के बाद अन्य तीन मामलों की जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और मौलवी को गिरफ्तार किया.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "पीड़ित माता-पिता को पांच-छह महीने पहले से जानकारी थी, और वो बच्चे को समझाने की कोशिश कर रहे थे. एक बार बच्चे ने पुलिस को बुला लिया था और कहा था कि वो उसके मां-बाप से उसे जबरन डांटते हैं. हालांकि, तब धर्म परिवर्तन की बात सामने नहीं आयी थी."

एक पुलिस कर्मी ने बताया कि गाजियाबाद में एक हिंदू और एक जैन लड़के का धर्म परिवर्तन कराया गया है.

क्या था गेम और कैसे होता था धर्म परिवर्तन?

डीसीपी निपुन अग्रवाल ने बताया कि गेमिंग ऐप का नाम 'फोर्टनाइट' था. उन्होंने कहा कि आरोपी शाहनवाज खान, जिसका डिजिटल नाम 'बद्दो' था, वो 'फोर्टनाइट' पर खेल रहे बच्चों को देखता था.

जब बच्चे गेम हार जाते थे, तो उन्हें जीतने के लिए कुरान की आयतें पढ़ने के लिए कहा जाता था. इसके बाद, जब वो पढ़कर खेलते थे तो, सामने वाला शख्स जानबूझकर हार जाता था. इससे वे जीतते थे, तो उनकी रुचि और विश्वास (कुरान में) बढ़ जाती थी. इसके बाद, वे इस्लाम में परिवर्तित हो जाते थे.
निपुन अग्रवाल, DCP, गाजियाबाद

'डिस्कॉर्ड' पर होती थी चैटिंग, जाकिर नाइक के दिखाते थे वीडियो

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी ऑनलाइन गेमिंग ऐप के डिस्कॉर्ड चैटिंग प्लेटफॉर्म पर बच्चों के संपर्क में रहते थे, जिसमें उन्हें कथित तौर पर जाकिर नाइक और तारिक जमील सहित कई कट्टरपंथी मुस्लिम उपदेशकों के वीडियो दिखाए जाते थे.

माता-पिता को कैसे हुआ शक?

पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग प्रतिदिन शाम को जिम का बहाना बनाकर घर से निकलता था और मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ता था. एक दिन माता-पिता को शक हुआ तो उन्होंने पीछा किया और तब जाकर मामला सामने आया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जांच के दौरान हुए कई खुलासे

डीसीपी अग्रवाल ने कहा, "वह (नाबालिग) तारिक जमील के वीडियो देखता था. उन वीडियो को देखने के बाद, उसने धर्म परिवर्तन किया."

पुलिस के अनुसार, मौलवी अब्दुल रहमान से पूछताछ के बाद पूरे खेल का पर्दाफाश हुआ. हालांकि, मस्जिद कमेटी ने पुलिस को बताया है कि रहमान ने कुछ महीने पहले मस्जिद छोड़ दिया था, लेकिन अभी तक दावे का कोई सबूत पेश नहीं किया है.

महाराष्ट्र भेजी गयी टीम

इस वारदात के कथित मास्टरमाइंड शाहनवाज खान उर्फ बद्दो को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की एक टीम महाराष्ट्र गई है. वहीं, आगे की जांच के लिए गाजियाबाद से एक टीम चंडीगढ़ और फरीदाबाद भी गयी है.

डीसीपी अग्रवाल ने कहा, "उसे (शाहनवाज) जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. एक पुलिस टीम महाराष्ट्र भेजी गई है. नाबालिग बच्चे ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन के प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसलिए अपराधी इसका फायदा उठाते हैं. संभवत: यह तरीका नाबालिगों को निशाना बनाता है."

2021 से संपर्क में थे बच्चे

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एसीपी (कवि नगर) अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा, "हमने फरीदाबाद के लड़के से पूछताछ की और पता चला कि वह और अन्य लोग 2021 से एक गेमिंग ऐप के जरिए रहमान के संपर्क में थे. उसकी मां ने उसके व्यवहार में बदलाव देखा और उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ."

पुलिस ने कहा कि गाजियाबाद के एक युवक ने 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अपने माता-पिता को खोने के बाद बद्दो से मुलाकात की थी.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अभिषेक श्रीवास्तव ने आगे कहा, " उसके माता-पिता के मरने के बाद, वह खुद पॉजिटिव हो गया था. इमाम उसके पास पहुंचा और उसे विश्वास दिलाया कि उसकी प्रार्थनाओं ने उसे वायरस से ठीक कर दिया है. युवा तब नाबालिग था, उसने इस्लाम पर कुछ YouTube वीडियो देखना शुरू किया और फिर वो धर्मांतरण के लिए आकर्षित हुआ.

अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का शक

जांच के दौरान, यह भी पता चला कि डिस्कॉर्ड चैटिंग इंजन में यूरोप के विभिन्न हिस्सों से अन्य बच्चे आते थे. पुलिस एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, "यह दर्शाता है कि इस पूरे खेल का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है."

उन्होंने कहा कि ये बच्चे शुरू में ईसाई थे. लेकिन बाद में इस्लाम धर्म में परिवर्तित हो गये.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×