ऋषिकेश हत्याकांड में एसटीएफ उस वीआईपी का पता लगाने में जुटी है, जिसका जिक्र जांच के दौरान कई बार आया. घटना के दिन एक्टिव रहने वाले मोबाइलों की भी कुंडली खंगाली जा रही है.
बता दें, हत्या वाली जगह यानी चीला नहर के पास वनन्तरा रिज़ॉर्ट में कितने लोग मौजूद रहे, इस बात की तह तक जाने के लिए एसआइटी की ओर से एसटीएफ की टीम को यहां लगाया गया है. दो दिन से टीम यहां डेरा डाले हुए हैं.
सक्रिय मोबाईल नंबरों की हो रही जांच
एक्टिव मोबाइल आइडी को स्कैन करने के दौरान कई मोबाइल नंबर टीम के राडार पर आए हैं. अब इन नंबरों की स्क्रूटनी करने के बाद मृतक और तीनों आरोपित के अलावा इनके साथ मौजूद शख्स का पता लगाया जाएगा. एसआइटी प्रमुख डीआइजी पी रेणुका देवी इस मिशन को पल-पल मॉनिटर कर रही हैं. भाजपा के निष्कासित नेता विनोद आर्या के पुत्र पुलकित आर्या के वनन्तरा रिज़ॉर्ट सहित चीला नहर के पास जहां नहर में हत्या कर फेंका गया था. यह दोनों ही स्थान मुख्य रूप से एसटीएफ की सर्विलांस टीम के टारगेट में है.
बीते शुक्रवार को सर्विलांस एक्सपर्ट की टीम ने वनन्तरा रिज़ॉर्ट में कई घंटे सक्रिय रहके मोबाइल नंबर को सर्च किया था. हत्या के रोज, उससे पहले और उसके बाद संबंधित क्षेत्र में सक्रिय रहे मोबाइल नंबर को सर्विलांस टीम सर्च कर रही है. शनिवार को टीम का टारगेट नहर का वह इलाका रहा जहां यह वारदात हुई थी. हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए एसआइटी कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
एसआइटी हर पहलू की बड़ी बारीकी से जांच कर रही है और हर सबूत एकत्र करने में जुटी है। ताकि न्याय दिलाने में आसानी हो सके. इसी कड़ी में शनिवार को एसआइटी दोपहर बाद साइबर एक्सपर्ट टीम के साथ घटनास्थल चीला नहर पर पहुंची. वारदात के वक्त एक्टिव मोबाइल आइडी को स्कैन करने की कोशिश की गई. सक्रिय रहे मोबाइल नंबरों को स्कैन करने में सफल रही टीम साइबर एक्सपर्ट की मदद से एसआइटी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या के वक्त क्या घटनास्थल पर चार ही लोग थे. या फिर कोई अन्य शख्स वारदात के दौरान इनके साथ था.
जानकारी के मुताबिक दो दिनों में सर्विलांस टीम यहां सक्रिय रहे मोबाइल नंबरों को स्कैन करने में सफल रही है. अब यह देखा जा रहा है कि जहां हत्या हुई थी और रिज़ॉर्ट में वारदात के रोज ऐसे कौन से मोबाइल नंबर हैं जो कॉमन हैं. हत्याकांड के रोज रिज़ॉर्ट में वीआइपी मेहमानों के स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए लड़की को मजबूर किए जाने की बात भी इसी दौरान सामने आई थी. एसटीएफ की सर्विलांस टीम के एक्सपर्ट यह भी पता लगा रहे हैं कि ऐसे कौन वीआइपी थे, जिनके मोबाइल उस रोज यहां एक्टिव पाए गए.
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