अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के एक साधु महंत कन्हैया दास का शव रविवार को चरणपादुका मंदिर की गौशाला में मिला है. ऐसा माना जा रहा है कि अज्ञात हमलावरों ने नींद में ही उनकी हत्या कर दी है. महंत कन्हैया दास बसंतिया पट्टी के गुलचमन बाग के प्रमुख भी थे. शव मिलने की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की.
विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठे हुए साधु-संत
उनकी मौत की खबर पूरे शहर में तेजी से फैल गई और उनकी हत्या से गुस्साए कई नागा साधु और अनुयायी विरोध प्रदर्शन करने के लिए चरणपादुका मंदिर में इकट्ठे हो गए. लिहाजा शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है.
पुलिस अधीक्षक वी.पी. सिंह ने कहा, "पहली नजर में महंत की हत्या की वजह कोई व्यक्तिगत दुश्मनी लगती है. इसके अलावा भी हम अन्य संभावित एंगल से जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे."
मौके से उंगलियों के निशान लेने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है. साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
महंत के गुरु रामानुज दास ने पुलिस को बताया है कि कन्हैया दास का गोलू दास उर्फ शशिकांत दास के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था और स्थानीय अदालत में एक मामला भी लंबित था. इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए गोलू दास को हिरासत में ले लिया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)