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बदमाश संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट में गोली मारकर हत्या,वकील की ड्रेस में आए हत्यारे

Sanjeev Jeeva Murderd: CM योगी ने शूटआउट मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय SIT गठित की, एक सप्ताह में आएगी रिपोर्ट

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Sanjeev Jeeva Murdered: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बड़ी खबर सामने आई है. वजीरगंज थाना क्षेत्र के SC/ST कोर्ट के बाहर हुई फायरिंग में बदमाश संजीव जीवा की गोली मार हत्या कर दी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार हत्यारे वकील की भेष में आये थे. हमले में यूपी पुलिस के दो जवान और एक छोटी बच्ची भी घायल है, जिसे इलाज के लिए लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया है.

"संजीव जीवा नाम के एक अपराधी को आज गोली मार दी गई. उसे लाने वाले दो पुलिस अधिकारियों को भी चोटें आई हैं. एक बच्चा भी घायल है जो ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है."
उपेंद्र कुमार अग्रवाल, संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून व्यवस्था, लखनऊ
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इस हत्याकांड से दो महीने पहले ही गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा था.

"आप कहियेगा समाजवादियों ने मरवा दिया"- अखिलेश यादव

भारतीय जनता पार्टी के नेता ब्रह्म दत्त हत्याकांड के आरोपी संजीव जीवा की लखनऊ सिविल कोर्ट में गोली मारने पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इस विषय पर अगर समाजवादी पार्टी कुछ कह देगी तो आप कहेंगे कि समाजवादी पार्टी ने मरवा दिया.

"कोई भी हत्या करेगा तो वो बचेगा नहीं"- केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ सिविल कोर्ट फायरिंग पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कानपुर में कहा, "कोई भी हत्या करेगा तो वो बचेगा नहीं. उत्तर प्रदेश की पुलिस उसे पकड़ेगी और कानून के हिसाब से उसे सजा दी जाएगी."

CM योगी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय SIT गठित की

सूबे के CM योगी आदित्यनाथ ने ने लखनऊ कोर्ट शूटआउट मामले की जांच हेतु तीन सदस्यीय SIT गठित की है. इसके मेंबर हैं:

  • मोहित अग्रवाल, ADG टेक्निकल

  • नीलब्ज़ा चौधरी, JCP क्राइम लखनऊ

  • प्रवीण कुमार, IG रेंज अयोध्या

SIT एक सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट देगी.

लखनऊ की जेल में बंद था संजीव

पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था. हाल ही में प्रशासन द्वारा उसकी संपत्ति भी कुर्क की गई . शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर के रूप में नौकरी करता था. आरोप है कि इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था.

पहले तो संजीव जीवा का नाम किडनैपिंग से जुड़े मामलों में आया लेकिन बाद में मर्डर केस से भी इसके नाम जुड़ते गए.

उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई बीजेपी के कद्दावर नेता ब्रम्ह दत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया. जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. माना जाता है कि आगे वो मुख़्तार अंसारी का करीबी बना.

संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया. हालांकि, कुछ सालों बाद मुख्तार और जीवा को साल 2005 में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया था. जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

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