जयपुर (Jaipur) के विद्याधर नगर इलाके में एक युवक ने अपनी ताई की हत्या की फिर उनके शव के 10 टुकड़े किए . 11 दिसंबर को उनके लापता होने की सूचना लेकर थाने में पहुंच गया. विद्याधर नगर थाना पुलिस ने भतीजे अनुज शर्मा की शिकायत पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली. कागजी कार्रवाई कर पुलिस अपने काम में जुट गई.
लेकिन लापता हुई इस महिला की कहानी कुछ और ही निकली और महिला के परिजनों को शक हुआ तो यह मामला दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड (Shraddha Murder Case) जैसा निकला.
विद्याधर नगर के लालपुरिया अपार्टमेंट में 64 वर्षीय सरोज शर्मा को दर्दनाक मौत दी गई. आरोप है कि इनकी बर्बरता से हत्या करने वाला कोई ओर नहीं बल्कि उनका भतीजा अनुज शर्मा उर्फ अचिंत्य गोविंद दास (32) ही है. इसने अपनी ही ताई सरोज की हथोड़े से सिर पर ताबड़तोड़ 5 वार कर हत्या कर दी.
रसोई में मर्डर करने के बाद आरोपी शव को घसीट कर बाथरूम में ले गया. जहां पर पहले चाकू से बॉडी के टुकड़े-टुकड़े करने का प्रयास किया और फिर जब हड्डियां नहीं कटी तो सीकर रोड के एक हार्डवेयर स्टोर पर जाकर मार्बल कटर ले आया.
जिसको चलाकर उसने सिर को धड़ से अलग किया और फिर बाकी धड़ को टुकड़ों में काटकर, हाथ, पैर सहित मृतका के शरीर को करीब 10 हिस्सों में कटर से काटकर उन्हें सूटकेस,बाल्टी में रखकर विद्याधर नगर सेक्टर 2 स्थित फ्लैट से अपनी कार में रखकर दिल्ली-सीकर हाईवे पर तीन अलग-अलग जगहों नाले,जंगल और झाड़ियों में फेंक आया.
ताई की बर्बरता से हत्या कर हत्यारे ने बाथरूम में खून और रसोई से शव को घसीट कर ले जाने के दौरान जगह जगह लगे ब्लड के धब्बों को साफ किया और खुद ही विद्याधर नगर थाने में बड़े ही सामान्य तरीके से पहुंचकर शिकायत दी कि उसकी ताई दो-तीन बजे घर से मंदिर जाने की बात कहकर निकली थीं, जो अभी तक घर वापस नहीं आईं हैं.
महिला कैंसर पीड़ित थी, भतीजा ही करता था सेवा
डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया कि मृतका महिला एडवांस स्टेज कैंसर से पीड़ित थी. इसलिए उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया था. हत्यारा भतीजा ही इनकी सेवा करता था. इनकी देखभाल करता था.
अस्पताल में किमोथेरेपी से लेकर दवा देने से लेकर हर तरह का अपनी ताई का ख्याल रखता था. लेकिन बीमारी के कारण महिला रोकटोक और गुस्सा ज्यादा करती थी. यह हरे कृष्णा हरे राम मूवमेंट से जुड़ा हुआ था. जिस कारण से यह ज्यादातर बाहर जाता रहता था. इसी तरह 11 दिसम्बर को भी आरोपी दिल्ली एक कीर्तन में जाना चाहता था. लेकिन इसकी ताई ने मना कर दिया तो इसने रोका टोकी से परेशान होकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया.
48 फ्लैट, सब ने सोचा कंस्ट्रक्शन चल रहा होगा
सरोज देवी की एक बेटी मोनिका 13 दिसंबर को घर में ही थी. उसने रसोई की दीवार पर कुछ खून के धब्बे देखे तो अनुज से पूछताछ की. जिसमें उसने बताया कि उसे नकसीर आ गई थी, यह उसके धब्बे है. कुछ देर बाद ही आरोपी मौका पाकर वह धब्बे साफ कर रहा था. जिसे मोनिका ने देख लिया.
इसके बाद मोनिका ने फिर उसे पूछा तो वह घबरा गया. मोनिका को शक हुआ तो उसने छोटी बहन पूजा को कॉल कर बताया. इस पर पूजा भी अपने पति के साथ 15 दिसंबर को चाचा के घर पहुंची. ताई के लापता होने के बाद भी अनुज 13 दिसम्बर को हरिद्वार चला गया.
अनुज की गतिविधियों पर उसकी बहनों को शक हुआ और उसने हर बार नई कहानी बनाई तो परिजनों ने पुलिस को रिपोर्ट दी. जिसके बाद परिजनों के कहने पर लालपुरिया अपार्टमेंट के टी-1 फ्लेट में लगे सीसीटीवी में पुलिस ने देखा तो अनुज घटना के दिन सूटकेस में कुछ रखकर ले जाता हुआ दिखाई दिया.
जिसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने वारदात को कबूल लिया. हालांकि यह तय है कि अगर परिजन सर्तकता नहीं बरतते और पुलिस को लीड नहीं देते तो मामला गुत्थी बन जाता.
लालपुरिया अपार्टमेंट में कुल 48 फ्लैट है. घटना को जहां अंजाम दिया गया वह फ्लैट तीसरी मंजिल पर था. आस-पास के पड़ोसियों ने पूछने पर बताया कि मृतका बहुत ही आध्यत्मिक थी और अनुज उनकी बहुत सेवा करता था. उन्होंने कटर के चलने की आवाज सुनी तो लोगों ने सोचा कि किसी फ्लैट में कंट्रस्क्शन का काम चल रहा होगा. इसलिए किसी ने ध्यान नहीं दिया. कई घंटोें तक कटर की आवाज आती रही लेकिन लोग इसे कंट्रस्क्शन वर्क समझते रहे.
बीटेक पास है आरोपी, इंजीनियरिंग की थी
एडीसीपी नॉर्थ धर्मेन्द्र सागर ने बताया कि, आरोपी अनुज शर्मा ने बीटेक इंजीनियरिंग की है. उसके बाद एक साल करीब एक प्राइवेट कंपनी में जॉब भी की. वह 'हरे कृष्णा' मूवमेंट से जुड़ा और वहां से दीक्षा ली. इसके पिता बद्री प्रसाद पीएनबी में एजीएम पद से रिटायर हुए हैं. घर में आरोपी अनुज शर्मा सहित चार सदस्य रहते थे.
अनुज शर्मा की मां नहीं हैं. वारदात वाले दिन इसके पिता ब्रदीप्रसाद और अन्य सदस्य इंदौर गए थे. मुतका की बेटी पूजा और मोनिका की शादी हो चुकी है. भाई अमित विदेश में रहता है. पूजा ने बताया कि उनके पिता की मौत 1995 में हो गई थी. मां सरोज देवी विद्याधर नगर में चाचा बद्री प्रसाद शर्मा के यहां रहती थी.
मुझे जमानत के लिए वकील चाहिए
आरोपी मीडिया को देखकर पहले तो मुंह छिपाता रहा. फिर मीडिया से बोला कि मुझे एक अच्छे वकील की जरूरत है. यह मेरा लीगल राइट है. मुझे एक अच्छा वकील दिलवाया जाए जिससे वह जमानत ले सकें. हालांकि उसने हत्या क्यों की इस मामले पर उसने गर्दन नीची कर ली.
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