तमिलनाडु (Tamilnadu) के बहुचर्चित विग्नेश हिरासत में मौत (Vignesh custodial death) मामले में 7 महीने बाद चार्जशीट फाइल हुई है. क्राइम ब्रांच- क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CB-CID) ने मंगलवार को इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है.
किसके-किसके खिलाफ चार्जशीट?
आरोपियों की पहचान मुनाब के हेड कॉन्स्टेबल एसएसआई कुमार, सचिवालय कॉलोनी थाने के कॉन्स्टेबल पूनराज, एआर कॉन्स्टेबल जगजीवन राम, चंद्रकुमार और होमगार्ड दीपक के रूप में हुई है.
सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 और अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत आरोप लगाए गए थे.
आरोपी पुलिसकर्मियों को मई में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन CB-CID गिरफ्तारी के 90 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल करने में नाकाम रही. जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
कब और क्या हुआ था?
18 अप्रैल को चेन्नई पुलिस ने कथित तौर पर गांजे के साथ विग्नेश और सुरेश को वाहन चेकिंग के दौरान हिरासत में लिया था. इसके बाद उन्हें सचिवालय कॉलोनी थाने ले जाया गया. अगले दिन यानी 19 अप्रैल को नाश्ते के बाद विग्नेश को दौरे पड़ने लगे और बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. विग्नेश चेन्नई के मरीना बीच पर लोगों को घुड़सवारी करवाता था.
शुरुआत में पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया गया था. लेकिन ऑटोप्सी रिपोर्ट में विग्नेश के शरीर पर 13 चोट का खुलासा हुआ. जिसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया.
वहीं हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को ट्रांसफर करने से मना कर दिया था. जस्टिस वी शिवगनम ने कहा था कि सीबी-सीआईडी द्वारा की गई जांच संतोषजनक है और मामले को स्थानांतरित करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
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