दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप केस (2017) में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा का ऐलान कर दिया है. सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसमें से 10 लाख रुपये की राशि रेप सर्वाइवर को दी जाएगी. कोर्ट ने सेंगर से एक महीने के अंदर जुर्माना जमा करने के लिए कहा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वो सर्वाइवर और उसके परिवार को होने वाले खतरे का आकलन करे और उसी आधार पर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराए. सीबीआई को यह निर्देश भी दिया गया है कि सर्वाइवर और उसके परिवार को सेफ हाउस मुहैया कराया जाए.
बता दें कि बंद कमरे में सीबीआई और आरोपी पक्ष की अंतिम दलीलें सुनने के बाद 16 दिसंबर को जिला जज धर्मेश शर्मा ने इस मामले में सेंगर को भारतीय दंड संहिता (IPC) और पोक्सो कानून के तहत दोषी करार दिया था. हालांकि उन्होंने मामले की सह-आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर किए जाने के बाद जज ने 5 अगस्त से हर रोज केस की सुनवाई की थी.
सेंगर पर महिला को 2017 में नाबालिग रहते हुए कथित रूप से अगवा कर उसके साथ रेप करने के आरोप लगे थे. कोर्ट ने इस मामले में सह आरोपी शशि सिंह पर भी आरोप तय किए थे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से 4 बार बीजेपी के टिकट पर विधायक रहे सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में दर्ज सभी 5 मामलों को एक अगस्त को उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित कोर्ट से दिल्ली स्थित कोर्ट में ट्रांसफर करते हुए निर्देश दिया था कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए.
रेप मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों से जिरह हुई. रेप सर्वाइवर का बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में एक विशेष अदालत भी बनाई गई. सर्वाइवर को लखनऊ के एक अस्पताल से एयरलिफ्ट कर यहां भर्ती कराया गया था.
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