उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में प्रतिबंधित मांस मिलने का बवाल मंगलवार को फिर भड़क गया. एक ही जगह पर दोबारा अवशेष मिलने से नाराज भीड़ ने मदरसे में तोड़फोड़ की और एक मकान में आग लगा दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को खदेड़कर आग पर काबू पाया. इस बीच पुलिस ने गोकशी के मामले में दो लोगों के खिलाफ मुदकमा दर्ज किया है. तनावपूर्ण हालात को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.
मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी संजीव सिंह ने कहा कि सोमवार को पकड़ा गया मांस प्रतिबंधित मांस था और आज (मंगलवार) पकड़ा गया मांस जांच के लिए भेजा जाएगा. वहीं, पुलिस अधीक्षक रमेश कुमार ने कहा कि दोनों समुदाय के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखने के कोशिश जारी है.
क्या है पूरा मामला?
ये मामला जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बेहटा गांव का है. यहां गांव में सोमवार शाम को एक मदरसे के पीछे तालाब के पास कथित तौर पर गोवंश का अवशेष बरामद हुआ था. इससे स्थानीय लोग नाराज हुए थे. पुलिस ने अवशेष को गड्ढे में दबवा दिया था. मंगलवार को एक बार फिर उसी जगह अवशेष बरामद हुए. इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीण एक बार फिर से आक्रोशित हो गए.
नाराज भीड़ मदरसे में पहुंची और तोड़फोड़ के बाद उसमें आग लगा दी. इस दौरान मदरसे पर पथराव भी किया गया. पुलिस कर्मियों ने भीड़ को मौके से खदेड़ कर आग पर काबू पाया है, लेकिन तनाव बरकरार है. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए जिलाधिकारी संजीव कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक रमेश, एएसपी पूजा यादव, सीओ अभिषेक तिवारी, एसडीएम विजय शंकर तिवारी भारी पुलिस बल के साथ मौके में पहुंचे गए. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने एक गांव में कैंप लगाकर लोगों से बातचीत की और दौरा भी कर रहे हैं.
पुलिस ने अबतक क्या कार्रवाई की है?
पुलिस ने गोकशी के दो आरोपियों मुश्ताक और मुन्नू शाह के खिलाफ चौकीदार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है. दोनों आरोपी गांव से फरार हैं. क्षेत्राधिकारी (सीओ) अभिषेक तिवारी ने बताया, "हालात सामान्य हैं, अराजक तत्वों को चिह्न्ति किया जा रहा है. दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी."
कुछ गांववालों का क्या कहना है?
गांववालों का कहना है कि बीते दो दिन से मदरसे के पास से प्रतिबंधित मांस मिला. इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को भी दी गई थी. किन्तु पुलिस पूरे मामले सिर्फ मूकदर्शक बनी रही, पुलिस ने सिर्फ अवशेषों को वहीं गड्ढे में दबवा दिया था. उनका कहना है कि अगर पुलिस मामले में तत्काल सक्रियता दिखाते हुए कार्रवाई करती तो मंगलवार को इतना बड़ा बवाल नहीं होता.
(इनपुट: IANS से भी)
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