कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में जीवनरक्षक इंजेक्शन मानी जा रही रेमडेसिविर की कालाबाजारी में लखनT पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें दो डॉक्टर और दो एजेंट शामिल हैं. लखनऊ की ठाकुरगंज पुलिस ने इन चारों को एरा मेडिकल कॉलेज से गिरफ्तार किया है. इनके पास से 34 इंजेक्शन और करीब साढ़े चार लाख कैस बरामद किया गया है. इस गैंग का एक मेंबर अभी फरार बताया जा रहा है.
आपदा के दौर में ये कैसे करते थे कालाबाजारी?
इस गैंग के बारे में लखनऊ पुलिस को सूचना मिली थी जिसके बाद एक टीम गतिविधि को ट्रैक कर रही थी. इंजेक्शन खरीदने की बात करते हुए एक मेंबर को धर दबोचा औऱ बाकी के भी धरे गए. ये आरोपी हैं डॉ अतहर, डॉ सम्राट इन दोनों का एरा अस्पताल से कनेक्शन है. विपिन कुमार और तहजीबुल.
पुलिस के मुताबिक, इन आरोपियों में से सबसे पहले इंजेक्शन विपिन के पास आती थी. विपिन इसे तहजीबुल को बेचता था. फिर अतहर के पास औऱ फिर सम्राट के पास, सम्राट इसे करीब 20 हजार में बेचा करता था.
जीवनरक्षक दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने एक मोबाइल नंबर 9454400290 भी जारी किया है, इस नंबर पर ऐसी कोई सूचना दी जा सकती है, पहचान गोपनीय रखी जाएगी.
सीएम योगी ने दिए हैं NSA लगाने के निर्देश
21 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवाओं की आपूर्ति की विस्तृत समीक्षा की गई है. इस दौरान कहा कि जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर और NSA जैसे एक्ट के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाए. इसके अलावा, सभी ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए. यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन का वितरण पारदर्शी ढंग से हो. ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ा जाए तथा प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)