उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल जिले में एक गैंगरेप पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक नाबालिग के घरवालों का आरोप है कि आरोपी युवक के परिवारवाले लगातार समझौते के लिए दबाव बना रहे थे. इसके साथ ही जान से मारने की धमकी भी दे रहे थे. वहीं पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. बुधवार देर शाम एक आरोप को गिरफ्तार किया गया है. वहीं मुख्य आरोपी सहित तीन अन्य अभी भी फरार चल रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
15 जुलाई को नाबालिग की मां ने सिसाना गांव के सोवेंद्र के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें दुष्कर्म पीड़िता की मां ने अपनी बेटी के साथ जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करने और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. मुकदमा दर्ज कराने के बाद से आरोपी युवक सोवेंद्र फरार है.
पीड़िता ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान में घटना में शामिल तीन और आरोपी वीरेश,जीनेश और होलू के नाम बताए. इसके बाद पुलिस ने आरोपी सोवेंद्र के साथ ही तीन और आरोपियों के नाम केस में शामिल किए. जिसके बाद से गैंगरेप के चारों आरोपी फरार चल रहे थे.
पीड़िता पर बनाया जा रहा था दबाव
आरोप है कि घटना के बाद से आरोपियों के घरवाले समझौते के लिए पीड़िता और उसके परिवार पर दबाव बना रहे थे. आरोपियों के परिजनों ने जान से मारने की धमकी भी दी थी. जिसकी वजह से नाबालिग पीड़िता मानसिक रूप से काफी तनाव में थी.
इस मामले को लेकर गैंगरेप पीड़िता ने थाने से लेकर उच्च अधिकारियों तक शिकायत की थी. पीड़िता की मां ने कुछ दिन पहले ही आरोपियों के खुलेआम घूमने और पुलिस से मिलीभगत का आरोप भी लगाया था. लेकिन शिकायत के बावजूद भी अधिकारी लापरवाह बने रहे. जिसके बाद पीड़िता ने आत्महत्या कर ली.
एक आरोपी गिरफ्तार
नाबालिग की सुसाइड की सूचना के बाद एसपी चक्रेश मिश्रा और सीओ चंदौसी घटनास्थल पर पहुंचे. गैंगरेप पीड़िता के भाई की तहरीर के आधार पर चारों आरोपी वीरेश, विपिन जिनेश और सोवेंद्र के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस ने बुधवार देर शाम को एक आरोपी युवक वीरेश को गिरफ्तार कर लिया है जबकि मुख्य आरोपी सोवेंद्र सहित अन्य अभी भी फरार है. हालांकि अभी भी पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि नाबालिग की सुसाइड के बाद पुलिस ने जिस तरह से तेजी दिखाते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, अगर यही तेजी शुरु में दिखाई होती तो शायद आज पीड़िता जिंदा होती.
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