उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarpur Nagar) जनपद में 20 साल पहले पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने 36 दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने यह फैसला गुरुवार, 24 अगस्त को सुनाया.
पूरा मामला क्या था?
पूरा मामला मुजफ्फरनगर जनपद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के महमूद नगर का है जहां आरोपियों ने पुलिस अधिकारियों पर जानलेवा हमला करते हुए जमकर पथराव किया था. घटना 2003 की है.
शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बताया कि, महमूद नगर में दो पक्षों - जाकिर सभासद और उस्मान प्रधान - के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था, विवाद ने झगड़े का रूप ले लिया. झगड़ा इतना ज्यादा बढ़ गया कि पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा. जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो मौके पर मौजूद भीड़ ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया. भीड़ में शामिल लोग पुलिस पर पथराव करने लगे. हमले से पुलिस के आला अधिकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए.
बता दें कि घटनास्थल पर तत्कालीन एसपी सिटी अरुण कुमार गुप्ता, सीओ सिटी देवेश पवार सिंह और सिविल लाइन थाना अध्यक्ष बलजीत सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे थे.
इसके बाद पुलिस पर हमला करने के खिलाफ कुल 62 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. 22 अगस्त को इनमें से कुल 36 लोगों को दोषी पाया गया जिसमें अदालत ने इन्हें 10-10 साल की सजा सुनाई साथ ही 20-20 हजार रुपये का जुर्माने लगाया.
(इनपुट- अमित सैनी)
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