ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो कांड में नोएडा के SSP वैभव सस्पेंड, रैकेट पर लगाया था आरोप

नोएडा के SSP वैभव कृष्ण ने सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर की थी शिकायत

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

नोएडा के SSP वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया गया है. SSP का एक महिला से चैट का 'अश्लील' वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया था, गुजरात के फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही वैभव कृष्ण पर निलंबन की कार्रवाई हुई है. वैभव कृष्ण इस वीडियो को मॉर्फ्ड बता रहे थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो पर वैभव कृष्ण ने क्या कहा था?

बता दें कि वीडियो के वायरल होने के बाद SSP वैभव कृष्ण ने खुद ही एफआईआर दर्ज कराई थी. इसकी जांच मेरठ के एडीजी और आईजी को दी गई थी. जांच के दौरान ही आईजी ने वीडियो को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा था.

ये वीडियो जब सामने आया था उसके बाद 1 जनवरी को वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि प्रदेश में चल रहे ट्रांसफर पोस्टिंग के हाई-प्रोफाइल रैकेट की जानकारी उन्होंने सूबे की योगी सरकार को दी है, जिसकी वजह से एक सिंडिकेट उनके पीछे पड़ा हुआ है.

उन्होंने ये भी कहा था कि छवि खराब के लिए उनके खिलाफ 3 वीडियो क्लिप्स जारी किए गए हैं, जो ‘मॉर्फ्ड वीडियो’ हैं.

वैभव कृष्ण की चिट्ठी में क्या लिखा था?


एसएसपी वैभव कृष्ण ने ये भी कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर उन्होंने एक बड़े पुलिस पोस्टिंग रैकेट की जानकारी दी है.

SSP वैभव कृष्ण की चिट्ठी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में जिला कप्तान की पोस्ट के लिए 50 लाख से 80 लाख रुपये तक की रिश्वत चलती है. एसएसपी का दावा था कि सूबे के 5 आईपीएस अफसर इस रैकेट में शामिल हैं. यूपी के डीजीपी और सीएम के प्रधान सचिव के नाम लिखे गए इस खत में वैभव कृष्णा ने 5 आईपीएस अफसरों की मोबाइल फोन रिकॉर्डिंग के खुलासे का दावा किया है. दी गई जानकारी में एसएसपी मेरठ की पोस्टिंग के लिए एक आईपीएस अफसर और एक पावर-ब्रोकर के बीच व्हाट्सएप मैसेज के आदान-प्रदान का जिक्र है, जो 80 लाख रुपये की घूस को लेकर थी.

नोएडा के SSP वैभव कृष्ण ने किया नियमों का उल्लंघन: DGP

3 जनवरी को खुद यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उन्होंने बताया कि वीडियो की जांच के लिए मेरठ एडीजी को 15 दिन का वक्त दिया गया है.

वहीं चिट्ठी लीक करने के मामले पर डीजीपी ने कहा कि विभाग से जुड़े किसी भी विषय के दस्तावेज लीक करना गैर-कानूनी है. इससे सर्विस नियमों का उल्लंघन होता है.

इसी के साथ वैभव कृष्णा प्रकरण में आरोपों के दायरे में आए सभी 5 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ सीएम योगी सख्त नजर आए, उन्हें अपने-अपने जिलों से हटा दिया गया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×