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वाराणसी: सब-इंस्पेक्टर को गोली मारने वाले दो सगे भाई एनकाउंटर में ढेर, एक फरार

Varanasi Police Encounter: पुलिस के मुताबिक दोनों भाई शातिर हत्यारे और लुटेरे थे.

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वाराणसी में 13 दिन पहले दरोगा को गोली मारने वाले दो सगे भाइयों को सोमवार की सुबह वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने रोहनिया थाना के भेलखा गांव के पास रिंग रोड पर एनकाउंटर में ढेर कर दिया. हालांकि तीसरा आरोपित फरार होने में कामयाब रहा. मुठभेड़ के दौरान क्राइम ब्रांच के एक आरक्षी शिव बाबू को गोली लगी, जिसका इलाज कराया जा रहा है. फिलहाल उसकी हालत स्थिर है. पुलिस को मौके से 9 एमएम की पिस्टल और एक 32 बोर की पिस्टल मिली. एक काले रंग की बाइक, मोबाइल फोन और कुछ कागजात भी बरामद हुए हैं. तड़के हुई 15 राउंड फायरिंग से आसपास के गांव में दहशत का माहौल बन गया था.

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क्या है पूरा मामला

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के लक्सा थाने में तैनात 2015 बैच के दरोगा अजय यादव मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के भीखमपुर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने रोहनिया थाना के जगतपुर क्षेत्र में प्लाट खरीदा है. बीती 8 नवंबर की शाम वर्दी पहने हुए अजय अपनी बुलेट से अपने प्लॉट पर पहुंचे थे. जगतपुर नहर क्षेत्र के पास मास्क लगाए तीन बदमाशों ने उन्हें घेर कर रोक लिया था. तीनों बदमाश अजय के साथ हाथापाई की, हालांकि दो बदमाशों को अजय ने दबोच लिया था, तभी तीसरे ने उनकी कमर से पिस्टल निकाल कर सीने में दाईं ओर गोली मार दी थी.

गोली मारने के बाद अजय की सरकारी पिस्टल, 10 कारतूस, पर्स और मोबाइल छीन कर असलहा लहराते हुए भाग निकले थे. अस्पताल में ऑपरेशन कर गोली निकाली गई थी और अब वह स्वस्थ हैं. घटना के खुलासे के लिए पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में 10 दरोगा की एसआईटी गठित की थी. सोमवार सुबह पुलिस ने मुठभेड़ में दो बदमाश भाइयों रजनीश उर्फ बऊआ सिंह और मनीष सिंह को ढेर कर दिया. मुठभेड़ भेलखा गांव के पास रिंग रोड पर हुई. आमने-सामने की तकरीबन 15 राउंड से ज्यादा की फायरिंग में बिहार निवासी दो सगे भाई मारे गए. दोनों का एक अन्य भाई पुलिस को चकमा देकर भाग गया है. पुलिस के अनुसार, तीनों हाल ही में पटना की बाढ़ जिला अदालत के शौचालय की दीवार तोड़कर फरार हो गए थे.

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पुलिस के मुताबिक तीनों भाई हैं शातिर हत्यारे और लुटेरे

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि बिहार पुलिस से मिली सूचना के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों की शिनाख्त समस्तीपुर जिले के मोहद्दीनगर थाना के गोलवा निवासी सगे भाई रजनीश उर्फ बऊआ सिंह और मनीष सिंह के तौर पर हुई है. पुलिस टीम को चकमा देकर भाग निकला बदमाश उनका भाई लल्लन सिंह है. तीनों भाई शातिर हत्यारे हैं. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि वाराणसी में ढेर दोनों बदमाश 11 साल से पुलिस के लिए चुनौती बने हुए थे. 11 साल पहले इन बदमाशों पर समस्तीपुर जिले के मोहिद्दीनगर थाने में लूट का मुकदमा दर्ज हुआ था.

इसके बाद चारों एक के बाद एक वारदात को अंजाम देने लगे. हत्या और सरकारी असलहे लूटने के साथ ही बैंक से पैसा लूटने के लिए चारों भाई और उनका गिरोह पूरे बिहार में कुख्यात है. 13 दिन पहले भाइयों ने मिलकर वाराणसी में दरोगा के सीने में गोली मारकर पिस्टल लूटी थी. इससे पहले भी पुलिस की 3 पिस्टल और एक रिवॉल्वर लूट चुके थे.

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2017 में लूटे थे बैंक से 60 लाख रुपए

बिहार पुलिस के अनुसार, रजनीश, मनीष, लल्लन और राजेश के आपराधिक काम में उनका पिता शिव शंकर सिंह भी मदद करता था. चारों भाइयों ने अपने पिता और गिरोह के साथियों की मदद से 6 मार्च 2017 को पटना के बेलछी थाना के बाघाटिलहा गांव के पास पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से दिनदहाड़े 60 लाख रुपए लूट लिए थे. लूट की घटना को अंजाम देने के दौरान बैंक के गार्ड योगेश्वर पासवान, सुरेश सिंह और वाहन चालक अजीत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने बदमाशों से 45 लाख रुपए बरामद कर लिया था. उससे पहले इन बदमाशों ने वर्ष 2016 में बिहार में दो दरोगा की हत्या और एक जमादार को गोली मारकर तीन सरकारी पिस्टल और एक रिवाल्वर लूट ली थी.

वाराणसी के जगतपुर क्षेत्र में बीती 8 नवंबर की शाम दरोगा अजय यादव को गोली मार कर तीन बदमाशों ने सरकारी पिस्टल, 10 कारतूस, मोबाइल और पर्स लूट लिए थे. वारदात में वांछित बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहिद्दीनगर थाना के गोलवा निवासी रजनीश उर्फ बऊआ सिंह और उसका भाई मनीष सिंह आज वाराणसी में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. वहीं, दोनों का एक अन्य भाई लल्लन सिंह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला. पुलिस के अनुसार, रजनीश, मनीष और लल्लन 9 सितंबर 2022 को पटना की बाढ़ जिला अदालत के टॉयलेट की दीवार फांदकर फरार हो गए थे. तभी से बिहार पुलिस उनकी तलाश कर रही थी. पटना से भाग कर तीनों भाई वाराणसी में मंडुवाडीह क्षेत्र में शरण लिए थे.

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पनाह देने वालों की तलाश शुरू

बिहार की कोर्ट से तीनों भाई फरार हुए तो वाराणसी आकर रहने लगे. वाराणसी में तीनों को पनाह देने में अहम भूमिका किसकी थी, पुलिस ने इसकी पड़ताल शुरू कर दी है. इसके अलावा पटना से तीनों को वाराणसी पहुंचने में किसने मदद की, इस बिंदु की भी जांच की जा रही है. पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने बताया कि बिहार पुलिस का पूरा सहयोग किया जाएगा. मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाशों के संबंध में हमें जो भी जानकारी मिली है हम बिहार पुलिस को उपलब्ध कराएंगे.

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