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तोते की तरह बोल रहा विकास दुबे-बताया शहीद DSP से क्यों खाता था खार

गिरफ्तार ‘खबरी’ एसओ विनय तिवारी ने ये जानकारी दुबे को दी कि डीएसपी देवेंद्र मिश्रा उसके खिलाफ हैं.

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मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे से करीब 8 घंटे की पूछताछ की है. इस पूछताछ में दुबे ने तोते की तरह अपनी करतूत उगली है. सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक, विकास दुबे ने अपना जुर्म मान लिया है, साथ ही ये भी बताया है कि आखिर डीएसपी देवेंद्र मिश्रा को इतनी बेरहमी से उसके लोगों ने क्यों मारा. सूत्रों के मुताबिक, दुबे ने बताया है कि CO देवेंद्र मिश्र से उसकी अनबन थी, मिश्र उसे देख लेने की धमकी दे चुके थे और कई बार पहले बहस भी हुई थी. गिरफ्तार 'खबरी' एसओ विनय तिवारी ने ये जानकारी दुबे को दी कि डीएसपी देवेंद्र मिश्रा उसके खिलाफ हैं.

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सूत्र बताते हैं कि अपने कबूलनामे में विकास दुबे ने कहा कि उसने देवेंद्र मिश्र को नहीं मारा, गोलियों से बचने के लिए जब CO मिश्रा उसके मामा के मकान में घुसे तो दुबे के गुर्गों ने उनकी हत्या की.

'वो कहते थे विकास का एक पैर गड़बड़ है'

सीओ देवेंद्र मिश्रा को बेरहमी से मारा गया था, उन्हें बिलकुल पास से गोली मारी गई, जिससे उनका सिर और गर्दन का हिस्सा उड़ गया था, उनके पैर भी वार किया गया था. सूत्र बता रहे हैं कि पूछताछ में दुबे ने दावा किया है कि सीओ देवेंद्र मिश्रा ऐसा कहते थे कि दुबे का एक पैर खराब है, दूसरा भी सही कर दूंगा. इस बात की खुन्नस उसने निकाली और उनके पैर पर भी हमला करवाया. डीएसपी देवेंद्र के चेहरे का एक हिस्सा उड़ गया था. विकास के मुताबिक ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सटा कर गोली मारी गई थी.

गैंगस्टर ने बताया-बताया क्यों जमा किए थे पुलिसवालों के शव

पुलिस पूछताछ में विकास ने कुछ और भी खौफनाक खुलासे किए हैं. खबर आई थी कि उसने पांच पुलिसवालों के शव एक के ऊपर एक रखे थे. अब उसने बताया है कि ऐसा उसने किसलिए किया था. सूत्र बताते हैं कि विकास ने बताया है कि वो इन शवों को जलाकर सबूत मिटाना चाहता था. लेकिन मुठभेड़ के बाद अफरातफरी में वो फरार हो गया. शवों को जलाने के पीछे सबूत मिटाने की मंशा थी, और इसलिए विकास ने अपने घर में बड़े-बड़े गैलन में तेल जमा कर रखा था. पुलिस के आने की सूचना उसे पहले मिल चुकी थी, लिहाजा उसने अपने 30 साथियों को जमा कर रखा था. इनके लिए उसने अपने ही घर पर खाना भी पकवाया था.

सारी सीमाएं सील होने के बाबजूद विकास औरेया में भी एक दिन रुका था. थाने के करीब ही जालौन चौराहे से तीन टिकट लेकर दो साथियों सहित बस से दिल्ली गया था. विकास ने ये भी दलील है कि वो हत्याकांड करना नहीं चाहता था लेकिन उसे मजबूर किया और इसका उसे पछतावा है और वो मंदिर में बैठकर काफी देर तक रोया है.

यूपी पुलिस को सौंपा जा चुका है दुबे

बता दें कि विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने यूपी पुलिस को सौंप दिया है. एसपी उज्जैन ने बताया कि एमपी पुलिस ने अगर थोड़ी भी चूक की होती तो वो फरार हो जाता. उन्होंने बताया कि विकास दुबे से करीब 8 घंटे की पूछताछ की गई है लेकिन दो राज्यों के बीच की बात होने की वजह से कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते.

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