इस दौरान पासवान ने शराब से हुई मौत मामले में मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये देने की मांग करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून को धरातल पर उतारनी होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही के कारण इतने लोगों की जान गई।
पासवान गुरुवार को पहले गोपालगंज जिले के महम्मदपुर थाना क्षेत्र पहुंचे और वहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इसके बाद वे पश्चिम चंपारण के नौतन प्रखंड के तेलहुआ गांव में जहरीली शराब हुई मौत मामले में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका हाल जाना।
यहां से वे मुजफ्फरपुर पहुंचे जहां कांटी थाना क्षेत्र में हाल में शराब से हुई के मौत मामले में लोगों से जानकारी ली और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
पसवान ने इस दौरान नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। पासवान ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि जो शराब पीया वही दोषी है। अब उन्हें बताना चाहिए कि ये जहरीली शराब आयी कहां से। पहले उन दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिनकी वजह से जहरीली शराब पीने से मौत हुई।
चिराग ने कहा कि नीतीश सरकार को शराबबंदी कानून को धरातल पर उतारनी होगी। उन्होंने कहा कि शराब की होम डिलिवरी हो रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि एक भी ऐसे अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई जिनकी लापरवाही से जहरीली शराबकांड हुआ है और वे दोष उन्हीं को दे रहे हैं, जिनकी ऐसी शराब पीने से मौत हो गई है।
पासवान ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कम से कम 25 लाख रुपये का मुआवजा और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही से लोगों की जान गई है। अगर सरकार शराबबंदी की थी तो उस पर अमल करवाना भी सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा फिर से समीक्षा करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हवामहल में बैठकर समीक्षा नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब माफियाओं को सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून पूरी तरह से लागू रहता तो आज परिवार का सदस्य जीवित रहता।
--आईएएनएस
एमएनपी/एएनएम
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