दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ विंटर एक्शन प्लान के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ग्रीन वार रूम लॉन्च किया है। ग्रीन वार रूम में मॉनिटरिंग के लिए 12 सदस्यीय टीम को लगाया गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि उनके द्वारा उठाए गए कदमों के कारण प्रदूषण में भारी कमी दर्ज की गई है। पिछले 10 सालों में हवा में मौजूद प्रदूषण के कण पीएम-10 में 40 प्रतिशत और पीएम-2.5 में 31 प्रतिशत की कमी आई है। दिल्ली में सर्दियों के दौरान बढ़ने वाले प्रदूषण को देखते हुए 6 अक्टूबर से एंटी डस्ट अभियान शुरू किया जाएगा।
ग्रीन वार रूम में 12 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एनवायरमेंट इंजीनियर बीएमएस रेड्डी करेंगे। साथ ही साथ ग्रीन वार रूम में प्रदूषण से संबंधित कारकों को बेहतर रूप में विश्लेषण करने के लिए वैज्ञानिक डॉ. नंदिता मित्रा को लगाया गया है। यह टीम प्राथमिक प्रदूषकों के स्तर, प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपायों और ग्रीन दिल्ली ऐप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों की स्थिति की निगरानी करेगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं। उनके समन्वय के लिए ग्रीन वार रूम स्थापित किया है। ग्रीन वार रूम में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने एवं खुले में कचरा चलाने से संबंधित सेटलाइट डेटा का भी विश्लेषण किया जाएगा। इस वार रूम के मेम्बर, ग्रीन दिल्ली ऐप पर जितनी शिकायतें आएंगी, उसे संबंधित 30 विभागों तक पहुंचाने तथा उसे मॉनिटर करने का काम करेंगे।
गोपाल राय ने बताया कि ग्रीन दिल्ली ऐप पर अभी तक 54,156 शिकायतें आई हैं। जिसमें से 90 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। ग्रीन दिल्ली ऐप पर सबसे ज्यादा शिकायतें एमसीडी की 32,573 आई हैं। उसके बाद पीडब्लूडी की 9118 और डीडीए की 3333 आई हैं। सरकार ने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि ग्रीन दिल्ली ऐप को अपने मोबाईल फोन पर डाउनलोड कर लें। दिल्ली में कहीं भी निर्माण कार्य चल रहा है और नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है तो उसकी शिकायत ग्रीन दिल्ली ऐप पर करें।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली ने 30 सितंबर को विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की थी। उस एक्शन प्लान के तहत ग्रेप सिस्टम 1 अक्टूबर से दिल्ली के अंदर लागू हो चुका है। विंटर एक्शन प्लान के तहत विभागों ने अपना काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में दिल्ली के स्रोतों का योगदान मात्र 31 प्रतिशत है। जबकि एनसीआर के शहरों का योगदान सर्वाधिक है। इसको देखते हुए हम, वार रूम से प्रदूषण के विरूद्ध इस अभियान की शुरूआत कर रहे हैं। लोग पूछते हैं कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के विरूद्ध इतने सारे कदम उठा रही है उसका कोई फायदा हो भी रहा है या नहीं हो रहा है। डीपीसीसी का चार्ट बताता है कि 2012 और 2021 में पीएम 10 की क्या स्थिति है। यह भी गौर करने वाली बात है कि 2012 से 2021 तक दिल्ली की आबादी में लगभग 70 से 80 लाख की वृद्धि होने के बावजूद दिल्ली में ग्रीन बेल्ट में वृद्धि होती है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 6 तारीख से एंटी डस्ट कैम्पेन दिल्ली में शुरू होगा। ऐसी निर्माण साइट जो धूल प्रदूषण से संबंधित नियमों का पालन नहीं करेंगी, उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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