दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने कंझावला कांड (Delhi Kanjhawala Case) में आरोपी आशुतोष भारद्वाज (Ashutosh Bhardwaj) को मंगलवार, 17 जनवरी को जमानत दे दी. एडिशनल सेशन जज सुशील बाला डागर आरोपी आशुतोष को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी है. यह रिपोर्ट न्यूज एजेंसी पीटीआई ने प्रकाशित की है. इससे पहले जज ने सोमवार को आरोपी की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
Kanjhawala Case: जमानत देते हुए जज ने क्या कहा?
जज ने मौखिक रूप से कहा कि आरोपी आशुतोष भारद्वाज की भूमिका अपराध होने के बाद शुरू हुई. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मामले में विस्तृत आदेश अभी आना है.
इससे पहले 12 जनवरी को, कोर्ट ने आशुतोष भारद्वाज को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
Kanjhawala Case: दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में क्या दलील दी थी?
दिल्ली के कंझावला में 20 साल की पीड़िता को नए साल के पहले दिन कार के नीचे घसीटा गया था, जिससे उसकी जान चली गई. आरोपी आशुतोष भारद्वाज पर कार के ड्राइवर की पहचान के बारे में पुलिस से झूठ बोलने का आरोप है. आशुतोष की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अदालत से कहा था कि वह कंझावला मामले में हत्या की धारा लगाने की प्रक्रिया में है. विशेष लोक अभियोजक/स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने तर्क दिया था कि कंझावला मामले की जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है.
इसे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में 13 जनवरी को 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था. सस्पेंड किए गए सभी पुलिसकर्मी रोहिणी जिला पुलिस से हैं. इसके अंदर ही कंझावला इलाका आता है.
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