दिल्ली के एक वकील विक्रम चौहान ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से दक्षिण पूर्वी दिल्ली में तैनात दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी भी शामिल है। यह शिकायत इसलिए की गई क्योंकि उनके मुवक्किल को गोली लगने के बावजूद गिरफ्तार किया गया था।
होली फैमिली अस्पताल के अंदर हुई एक घटना में नौमान अली को एक गोली लग गई थी। जब दो समूह वहां भिड़ गए। घटना की कुछ क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। चौहान ने कहा- जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से एलएलएम कर रहा अली घटना में घायल हो गया था। मेरी महिला सहयोगी तनीषा घटना के बाद पीड़ित को सहायता प्रदान करने के लिए अस्पताल पहुंची। हालांकि, पुलिस आई और अली को ले गई, जो एक व्हीलचेयर पर था। उन्होंने कथित तौर पर तनीषा के साथ दुर्व्यवहार भी किया। वह अली को एम्स ट्रॉमा सेंटर और बाद में लाजपत नगर पुलिस स्टेशन ले गए। तनीषा पुलिस स्टेशन पहुंची, लेकिन उसे रोक दिया गया, जबकि कानून के अनुसार हर किसी का अपने वकील से बात करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि, उन्होंने जामिया और लाजपत नगर के एसएचओ को फोन किया। एसएचओ जामिया ने कॉल का जवाब नहीं दिया, जबकि एसएचओ लाजपत नगर ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि क्या हो रहा है। चौहान ने कहा कि थानों के गेट बंद थे और किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस एक आरोपी को बचाने के लिए दबाव में काम कर रही।
हालांकि, उनकी टिप्पणी के विपरीत पुलिस ने कहा कि घटना में तीन प्राथमिकी दर्ज की गईं, दो न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में और एक जामिया पुलिस स्टेशन में। पुलिस ने कहा कि उन्होंने दोनों पक्षों से गिरफ्तारी की और किसी का पक्ष नहीं लिया। उन्होंने कहा कि कथित आरोपी को लाजपत नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया क्योंकि इलाके में तनाव था।
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