राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के स्तर को पार कर गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, आनंद विहार में एक्यूआई 428 दर्ज किया गया, इसके बाद अशोक विहार में 405 दर्ज किया गया, दोनों गंभीर श्रेणी में हैं।
दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रहने पर विशेषज्ञों ने कहा कि जहरीली गैस पूरी तरह से स्वस्थ लोगों में भी गंभीर प्रतिक्रियाशील वायुमार्ग की शिथिलता (आरएडीएस) का कारण बन सकती है।
मौसम विज्ञानियों ने कहा कि शांत हवाओं और ठंडे मौसम की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में (पार्टिकुलेट मैटर) पीएम 10 और पीएम 2.5 की सांद्रता क्रमश: 219 और 316 दर्ज की गई।
पूसा में एक्यूआई 329, लोधी रोड पर 310 और मथुरा रोड पर 347 था।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में एक्यूआई क्रमश: 354, 368, 373 और 362 रहा, जो सभी बेहद खराब श्रेणी में हैं।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।
सफर के पूवार्नुमान के मुताबिक, दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार तक बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी।
पर्यावरणविद् चंदरवीर सिंह के अनुसार, आने वाले दिनों में नमी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि हवा का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे ठंडे मौसम की स्थिति में कण पदार्थ फंस जाते हैं।
उन्होंने कहा, दिसंबर तक प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा और प्रत्येक निवासी को सतर्क रहना चाहिए और घर के अंदर रहना चाहिए। हमें जिम्मेदार नागरिक के रूप में भी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए और निजी वाहनों से बचना चाहिए और वाहनों से निकलने वाले धुएं को कम करने में योगदान देना चाहिए। यह सरकार के लिए सख्त कदम उठाने और बढ़ते प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने का समय है।
--आईएएनएस
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