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Diwali के बाद 5 साल में दिल्ली का प्रदूषण स्तर सबसे कम- गोपाल राय

पर्यावरण मंत्री ने कहा, दिल्ली में इस दीवाली में 30 प्रतिशत कम पटाखे फोड़े गए, लोग जागरूक हो रहे हैं

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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि इस साल राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर दिवाली के बाद पिछले पांच वर्षों की तुलना में सबसे कम है.

पिछले पांच साल के आंकड़े साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल प्रदूषण में 30 फीसदी की कमी आई है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा, दिल्ली में इस दीवाली में 30 प्रतिशत कम पटाखे फोड़े गए, लोग जागरूक हो रहे हैं।

राय ने दिल्ली सचिवालय से मोबाइल स्मॉग गन को भी हरी झंडी दिखायी। पर्यावरण मंत्री ने कहा, आज हम 150 मोबाइल स्मॉग गन शुरू कर रहे हैं। पिछले साल हमने 10 ऐसी स्मॉग गन शुरू की थीं। इन 150 मोबाइल स्मॉग गन में से, दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में दो स्मॉग गन लगाई जाएंगी और बाकी प्रदूषण हॉट स्पॉट पर स्थापित की जाएंगी। एक मोबाइल स्मॉग गन में 7000 लीटर पानी होगा और यह एक तरफ दस किमी के क्षेत्र को कवर करेगा।

राय ने कहा, दिवाली का त्योहार कल बहुत धूमधाम से मनाया गया था, लेकिन मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं कि उनके प्रयासों के कारण आज प्रदूषण का स्तर हर साल की तुलना में नहीं बढ़ा है। आज प्रदूषण का स्तर पांच साल में सबसे कम रहा है। पिछले साल यह 462 था, लेकिन आज यह 323 हो गया है, यानी लगभग तीस प्रतिशत की कमी है।

राजधानी में पटाखे जलाने की घटनाओं पर गोपाल राय ने कहा कि कुछ लोगों ने पटाखे जलाए थे। हालांकि उम्मीद है कि धीरे-धीरे उनमें भी जागरूकता बढ़ेगी। चूंकि दिल्ली में एक्यूआई अभी भी 323 है और यह बढ़ रहा है। सर्दी का मौसम नजदीक आ रहा है। प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए हमारे प्रयास जारी हैं।

पंजाब में पराली जलाने के सवाल पर उन्होंने कहा, राज्य ने केंद्र की मदद के बिना पराली पर लगभग काबू पा लिया है। पिछले साल दिवाली के दिन पंजाब में पराली जलाने की 3,032, हरियाणा में 228 और उत्तर प्रदेश में 123 घटनाएं हुई थीं। इस साल दिवाली के दिन पराली जलाने की सिर्फ 1,019 घटनाएं ही दर्ज हुई हैं, जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा बढ़ गया है।

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