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महाराष्ट्र में अब ‘डेल्टा प्लस वैरिएंट’ की दस्तक, 21 केस मिले

Covid-19 Delta Plus Variant की वजह से महाराष्ट्र में फिर लग सकता है लॉकडाउन

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महाराष्ट्र में फिर एक बार कोरोना (Coronavirus) अपने पैर पसारने की कोशिश में दिख रहा है. दूसरे लहर के घटते आकड़ों के बाद महाराष्ट्र में इस हफ्ते में कोरोना के आकड़े बढ़ने लगे है. सोमवार के 6,270 केसेज के मुकाबले मंगलवार को राज्य ने 8,470 केसेस दर्ज किए. तो वहीं बुधवार को 10,066 ताजा मामले सामने आए.

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16 जून को महाराष्ट्र में 10,017 केसे दर्ज होने के बाद से आंकड़े 10 हजार के नीचे फिसलने लगे थे. लेकिन 23 जून को फिर एक बार महाराष्ट्र ने 10 हजार का आंकड़ा क्रॉस कर दिया है. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में 80 साल के बुजुर्ग की डेल्टा प्लस वैरिएंट से पहली मौत हुई है जिन्हें अन्य बीमारियां भी थी.

“महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित 21 मरीज मिले हैं. इनमें से 9 मरीज रत्नागिरी, जलगांव के 7, मुंबई के 2 और पालघर, सिंधुदुर्ग, ठाणे के 1-1 मरीज हैं. देश में अबतक सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 21 मरीज पाए गए है.” 
राजेश टोपे

बता दे कि महाराष्ट्र में पांच स्तर में लॉकडाउन प्रतिबंधों में राहत देने की योजना बनाई गई है. प्रत्येक जिले का पॉजिटिविटी रेट और ऑक्सीजन बेड्स की उपलब्धता के आधार पर ये लेवल तय की गई है. जिसके चलते कई जिलों में कोविड प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है. लेकिन अभी भी सात जिले चिंता का विषय बने हुए है.

गुरुवार को सीएम उद्धव ठाकरे ने रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, सतारा, सांगली, कोल्हापुर और हिंगोली इन सबसे प्रभावित सात जिले के कलेक्टरों के साथ बैठक की. साथ ही कोरोना के तीसरी लहर की तैयारियों का जायजा लिया. भले ही पाबंदियों में स्तर के आधार पर राहत दी जा रही हों लेकिन जल्दबाजी में जोखिम न उठाने की सूचना सीएम उद्धव ने इस बैठक में दी.

“विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक तीसरी लहर और नए डेल्टा प्लस वैरिएंट के संक्रमण की संभावना है. स्वास्थ्य विभाग को सभी जिलों में अतिरिक्त ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और फील्ड अस्पतालों की योजना बनानी चाहिए. ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए. फील्ड अस्पतालों जैसी सुविधाएं खड़ी करने के लिए जमीन और भवनों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाए.”
सीएम उद्धव ठाकरे
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साप्ताहिक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य का एवरेज वीकली पॉजिटिविटी रेट 4.54 % है, लेकिन प्रभावित जिले में 5 से 10 प्रतिशत रेट दर्ज हो रहा है. 

जिसमे सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट रायगढ़ (9.35%), कोल्हापुर (10.88%), रत्नागिरी (7.97%), सांगली (7.66%), सतारा (7.52%), सिंधुदुर्ग (7.45%), पुणे (7.38%), में पाए गए है.

महाराष्ट्र टास्क फोर्स के डॉ. संजय ओक और डॉ. शशांक जोशी का मानना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण बदल रहे है. टीकाकरण में महाराष्ट्र सबसे आगे होने के बावजूद ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच टीके को लेकर भ्रम को दूर करना जरूरी है. समय रहते पाबंदियां और कड़ी करने की सलाह भी इन्होंने सरकार को दी है.

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने सात जिलों के हालात की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राज्य में ग्रोथ रेट 0.15 इतना कम हुआ है, लेकिन प्रभावित जिलों में ग्रोथ रेट दोगुनी या तिगुनी हो गया है. बढ़ते हुए एक्टिवह केसिस्को देखा जाए तो रत्नागिरी में पहली लहर में 3,074, दूसरी लहर में 22 जून को 5,220, सिंधुदुर्ग में पहली लहर में 1,346, वर्तमान में 5,579, हिंगोली में पहली लहर में 664 और दूसरी लहर (22 जून) में 823 मरीज मिले.

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इन हालात को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने जिला अधिकारियों को कंटेंटमेंट जोन, जिले के बॉर्डर्स को सील करना और अन्य पाबंदियों पर निर्णय लेने का अधिकार सौंप दिया है. आनेवाले दिनों में स्थिति में सुधार नहीं दिखा तो तीसरे लहर के लिए फिर एक बार कठोर लॉकडाउन लागू करने का विचार सरकार कर रही है.

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