ADVERTISEMENTREMOVE AD

धार्मिक उत्पीड़न पाक की प्रवृत्ति बन गया है: मानवाधिकार कार्यकर्ता

धार्मिक उत्पीड़न पाक की प्रवृत्ति बन गया है: मानवाधिकार कार्यकर्ता

Updated
न्यूज
1 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female
ADVERTISEMENTREMOVE AD

धर्म के नाम पर उत्पीड़न पाकिस्तान की प्रवृत्ति बन गया है जहां हिंदू, ईसाई और अहमदिया जैसे अल्पसंख्यक समुदाय धार्मिक कट्टरपंथियों के हाथों उत्पीड़न झेलने पर मजबूर हैं। पाकिस्तानी-अमेरिकी मानवाधिकार कार्यकर्ता ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि कट्टरपंथी बेरोक-टोक उत्पीड़न कर रहे हैं।

दक्षिण एशिया में मानवाधिकारों की स्थिति पर संसद की सुनवाई के दौरान सिंधी-अमेरिकी मानवाधिकार कार्यकर्ता फातिमा गुल ने बयान दिया कि पाकिस्तान महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देशों में से एक है।

गुल ने कांग्रेस की उपसमिति को बताया, “1990 से, ईशनिंदा के नाम पर 70 लोगों की हत्या की गई और 40 लोग अभी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं और फांसी की सजा पा चुके हैं। धार्मिक उत्पीड़न पाकिस्तान की मूक विशेषता बन गया है। हिंदू, ईसाई, अहमदिया..और हजारा उन धार्मिक कट्टरपंथियों के निशाने पर आने वाले असहाय लोग हैं जो सरकार की बिना रोक-टोक के काम करते हैं।”

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को मुख्यत: पाकिस्तानी सेना और इस्लामी चरमपंथी समूह चलाते हैं। अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक हर रोज सरकारी अधिकारियों एवं उनके समर्थकों के हाथों दमन, हिंसा और धार्मिक एवं राजनीतिक उत्पीड़न सहते हैं।”

साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान सरकार को प्रत्यक्ष तौर पर मिल रही आर्थिक सहायता के साथ पाकिस्तानी अधिकारी देश भर के नागरिकों पर अपना शिकंजा लगातार कसते जा रहे हैं।

गुल ने कहा कि पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जो अपने ही नागरिकों के खिलाफ कानून बनाता है।

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×