झारखंड के दुमका में 12वीं की छात्रा अंकिता राज सिंह को जलाकर मार डालने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के डीजीपी को तलब किया। अदालत ने उनसे वारदात और इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई पर रिपोर्ट देने को कहा है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ के समन पर डीजीपी नीरज सिन्हा अपराह्न् लगभग 12 बजे हाईकोर्ट पहुंचे और इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई पर अदालत के सवालों के जवाब दिये। अदालत ने डीजीपी को पीड़ित परिवार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है। उम्मीद की जा रही है कि मंगलवार शाम तक इस मामले में अदालत का विस्तृत आदेश सामने आ सकता है।
इधर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी अंकिता हत्याकांड पर संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले की निष्पक्ष और समय सीमा के भीतर जांच कराने का झारखंड के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। एनसीडब्ल्यू चेयरपर्सन ने अब तक की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट महिला आयोग को देने का निर्देश दिया है।
बता दें कि दुमका के जरुआडीह मुहल्ले में रहनेवाली अंकिता सिंह को उसी मुहल्ले के शाहरूख ने पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी थी। रांची स्थित रिम्स में पांच दिनों तक इलाज के बाद बीते शनिवार की देर रात अंकिता ने दम तोड़ दिया था। इस हत्याकांड पर पूरे झारखंड में उबाल है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना की गूंज पूरे देश में है।
बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने अंकिता को नाबालिग बताते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करने को कहा है। समिति ने कहा कि छात्रा की 10वीं के मार्कशीट के मुताबिक उसकी उम्र 16 साल के आसपास थी। आरोप है कि मामले की जांच कर रहे एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने उसे बालिग बता दिया था। उनपर कातिल शाहरूख के साथ पक्षपात का भी आरोप लग रहा था। इन आरोपों के बाद झारखंड पुलिस ने एसडीपीओ नूर मुस्तफा को जांच से हटा दिया है।
राज्य सरकार के निर्देश पर एडीजी मुख्यालय मुरारी लाल मीणा इस मामले की जांच पर निगरानी के लिए दुमका भेजे गये हैं। मंगलवार को फोरेंसिक टीम अंकिता के घर पहुंची और फिंगर प्रिंट सहित कुछ सैंपल्स इकट्ठा किये। दुमका के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने बताया कि इस पूरे प्रकरण के जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है, जिसमें 10 अधिकारी शामिल हैं।
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