नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्ज (NCERT) की तरफ से एक ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि सीबीएसई के अगले साल होने वाले 10वीं के बोर्ड एग्जाम में बच्चों से कुछ टॉपिक पर सवाल नहीं पूछे जाएंगे. इन टॉपिक्स को छात्र सेल्फ स्टडी और अपने प्रोजेक्ट आदि से पूरा करेंगे. बोर्ड एग्जाम में टीचर्स के पढ़ाए गए हिस्से को ही शामिल किया जाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीईआरटी ने सुझाव दिया है कि बिना सिलेबस में कटौती के ही छात्रों का बोझ कम किया जाए. इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है.
काउंसिल ने इस पूरे प्रोग्राम को दो हिस्सों में बांट दिया है. जिसमें एक पार्ट में टीचर्स के पढ़ाए गए सिलेबस और दूसरे पार्ट में बच्चों की सेल्फ स्टडी को रखा गया है. सेल्फ स्टडी को इंटरनल असेसमेंट में आंका जाएगा जबकि टीचर्स के पढ़ाए गए सिलेबस के छात्रों को मार्क्स दिए जाएंगे.
सीबीएसई ने मांगे थे सुझाव
बताया गया है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की तरफ से एनसीआरटी से कहा गया था कि वो 10वीं और 12वीं के सिलेबस का विश्लेषण करे. जिसके बाद एनसीईआरटी की तरफ से ये सुझाव दिए गए हैं. हालांकि अब तक एनसीआरटी की तरफ से दिए गए इन सुझावों को मंजूर नहीं किया गया है. इस ड्राफ्ट में आगे और बदलाव भी किए जा सकते हैं.
इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों के सिलेबस को कम करने की बात कही थी. इसके लिए उन्होंने लोगों से सुझाव भी मांगे थे. उन्होंने कहा था कि कोरोना के चलते पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करनी जरूरी है.
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