कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों और देशभर लॉकडाउन के कारण, कई अंडरग्रेजुएट कोर्स की एंट्रेस परीक्षाएं टाल दी गई हैं. NEET, JEE मेन्स, जेएनयू एंट्रेस एग्जाम समेत कई परीक्षाओं की तारीख पोस्टपोन कर दी गई हैं. ऐसे में 12वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्र अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं. परीक्षाएं कब होंगी? एडमिशन पर क्या होगा असर? क्या अभी भी विदेश में पढ़ाई की जा सकती है? अपने सभी सवालों के जवाब, यहां जानिए.
अंडरग्रेजुएट एडमिशन के लिए कौन-कौन सी परीक्षाएं टली हैं?
यहां उन सभी एंट्रेस परीक्षाओं की लिस्ट है, जिसे टाल दिया गया है या उनकी एप्लीकेशन की आखिरी तारीख बदल दी गई है. (इस लिस्ट को नई घोषणाओं के साथ अपडेट किया जाएगा.)
- हैदराबाद की इंग्लिश एंड फॉरेन लेंग्वेजेस यूनिवर्सिटी (EFLU) ने अपने अंडरग्रेजुएट कोर्स के एंट्रेंस एग्जाम को टाल दिया है. ये परीक्षा 12 अप्रैल को होनी थी.
- कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) 2020 की एप्लीकेशन की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 25 अप्रैल कर दिया है. वहीं, परीक्षा 24 मई 2020 को होगी.
- मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए होने वाले नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) को 3 मई तक के लिए टाल दिया गया है.
- देशभर के आईआईटी में एडमिशन के लिए होने वाले जेईई मेन्स भी टल गया है. परीक्षा मई के आखिरी हफ्ते में हो सकती है. एग्जाम का सेकेंड लेवल, जेईई एडवांस्ड कब होगा, इसे लेकर अभी कुछ साफ नहीं हैं.
- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के एंट्रेस एग्जाम के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख को भी एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. जेएनयू का एंट्रेस एग्जाम अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए होता है.
- इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) के अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी प्रोग्राम के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 31 मार्च है. अभी ये साफ नहीं किया गया है कि लॉकडाउन के चलते आखिरी तारीख को बढ़ाया गया है या नहीं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन में क्या हुआ बदलाव?
दिल्ली यूनिवर्सिटी के एडमिशन शेड्यूल में किसी भी तरह के बदलाव की अभी तक घोषणा नहीं की गई है.
क्या अभी भी विदेश में कर सकते हैं पढ़ाई?
विदेश में पढ़ाई की योजना बना रहे भारतीय छात्रों की स्थिति अभी तक साफ नहीं है. चीन के बाद विदेश में पढ़ने वाले सबसे ज्यादा छात्र भारत से जाते हैं. कोरोनावायरस महामारी का असर अमेरिका सहित दुनियाभर के देशों में दिख रहा है. अमेरिका, पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों की पहली पसंद माना जाता है. अगस्त-सितंबर के फॉल सेमेस्टर के एडमिशन पर इसका प्रभाव पड़ सकता है.
द हिंदू बिजनेस लाइन से बात करते हुए, कंस्लटेंसी फर्म The Chopras के फाउंडर नवीन चोपड़ा ने कहा, “एप्लीकेशन, इंक्वायरी और वॉक-इन की जहां तक बात है, तो इसमें अभी तक कोई कमी नहीं आई है. लेकिन अगर COVID-19 का खतरा बना रहता है, तो विदेश जाने वाले छात्रों की असल संख्या में गिरावट आ सकती है.”
अगर आपका एडमिशन फाइनल हो गया है, तो आप अपनी यूनिवर्सिटी से एडमिशन को फॉल सेमेस्टर से विंटर सेमेस्टर तक टालने के लिए कह सकते हैं. अगर आप विदेश में पढ़ने की योजना बना रहे हैं तो बेहतर रहेगा कि हालातों पर नजर रखें और भारत में एक बैक-अप कोर्स तैयार रखें.
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