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CBSE 12वीं रिजल्ट से असंतुष्ट छात्र क्या करें-सारे सवालों के जवाब?

अलग-अलग स्कूल में मार्किंग के फर्क कैसे दूर किया जाएगा, समझिए

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CBSE ने 12वीं बोर्ड ने छात्रों की मार्किंग को लेकर बनी 13 सदस्यीय सम‍िति की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इसमें सरकार ने बता दिया है कि 10वीं, 11वीं के फाइनल रिजल्ट और 12वीं प्री बोर्ड, प्रैक्टिकल के रिजल्ट के आधार 12वीं बोर्ड के फाइनल रिजल्ट तैयार किए जाएंगे. CBSE की इस योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सुझाव दिए और उन्हें शामिल करने को कहा है. छात्र अगर अपनी मार्किंग से संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें एग्जाम में बैठने का भी मौका दिया जाएगा.

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मार्किंग पर CBSE की क्या प्लानिंग है, इससे जुड़े सारे सवालों के जवाब एक जगह-

कैसे होगी मार्किंग?

छात्रों के 10वीं, 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड के मार्क्स जोड़े जाएंगे. 10वीं और 11वीं का वेटेज 30-30% रहेगा, 12वीं का हिस्सा 40% रहेगा. 10वीं और 11वीं के टर्म एग्जाम के 5 में से 3 बेस्ट एग्जाम के मार्क्स देखे जाएंगे. वहीं 12वीं क्लास के यूनिट एग्जाम और प्रैक्टिकल में मिले नंबर के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा.

अलग-अलग स्कूल में मार्किंग का फर्क कैसे दूर होगा?

हर स्कूल को रिजल्ट कमेटी का गठन करना होगा, जो स्कूल में ज्यादा मार्क्स दिए जाने से होने वाले फायदे का अध्ययन करेगी और ऐसी व्यवस्था बनाएगी ताकि कुछ स्कूलों के छात्रों को बाकी छात्रों के मुकाबले ज्यादा फायदा ना पहुंचे. मॉडरेशन कमेटी का गठन CBSE करेगी, इसका काम होगा कि वो सभी स्कूलों की मार्किंग की प्रक्रिया को देखेगी और सुनिश्चित करेगी कि 12वीं के सभी छात्रों के साथ एक जैसा रवैया अपनाया जाए.

स्कूल की मार्किंग का अध्ययन कैसे होगा?

किसी स्कूल की मार्किंग प्रकिया कैसी है, ज्यादा नंबर बांटे जाते हैं या बहुत ही लो स्कोरिंग होती है. इसका पता लगाने के लिए उस स्कूल के प्रदर्शन के बीते कुछ सालों के इतिहास को देखा जाएगा. इसके बाद छात्रों को मिले ओवरऑल मार्क्स और उस स्कूल विशेष के छात्रों को मिले मार्क्स की तुलना की जाएगी. इसके बाद एवरेजिंग की जाएगी.

CISCE के छात्रों की मार्किंग कैसे होगी?

CISCE के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो छात्रों का 12वीं के फाइनल एग्जाम का रिजल्ट बनाते वक्त बीते 6 साल का प्रदर्शन देखेंगे.

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अपने रिजल्ट से नाखुश छात्रों के लिए क्या?

CBSE ने फिलहाल जो मार्किंग की व्यवस्था बनाई है अगर उसके तहत अगर कोई छात्र अपने प्रदर्शन से नाखुश है तो उसे फिजिकल एग्जाम देने का मौका मिलेगा, वो तब जब परिस्थितियां बेहतर होंगी.

सुप्रीम कोर्ट ने CBSE के प्रस्ताव पर क्या सुझाव दिए?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CBSE के एग्जाम कैंसल करने के फैसले को लेकर कोई सवाल नहीं उठता. कोर्ट ने CBSE और CISCE की मार्किंग प्रक्रिया को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि रिजल्ट से नाखुश छात्रों के लिए शिकायत समाधान तंत्र बनाया जाना चाहिए और वैकल्पिक फिजिकल एग्जाम की टाइमलाइन भी जारी की जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों शिक्षा बोर्डों को मंजूरी दी है और कहा है कि बताए गए सुझावों को शामिल करके मार्किंग की प्रक्रिया को नोटिफाई कीजिए. मामले की अगली सुनवाई 20 जून को होगी.

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