देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से केंद्रीय मानव संसाधन (HRD) मंत्रालय बचे हुए CBSE एग्जाम को लेकर एक 'जरूरी ऐलान' कर सकता है. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने क्विंट को बताया कि अगर अगले 10 दिन में महामारी और बढ़ती है तो ये ऐलान किया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, HRD मंत्रालय इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय से बातचीत के बाद कोई फैसला लेगा. HRD मंत्रालय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) भी जारी करेगा.
16 जून को HRD मंत्री रमेश पोखरियाल की स्कूल एजुकेशन और लिटरेसी डिपार्टमेंट की सचिव और CBSE चेयरमैन अनिता करवाल और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) चेयरमैन विनीत जोशी के साथ बैठक में इन मामलों पर चर्चा हुई.
अभी के लिए राज्यों से कहा गया है कि वो मंत्रालय को एग्जाम कराने के लिए अपनी तैयारियों के बारे में बताएं.
पहले राज्य फैसला करें कि वो बोर्ड एग्जाम कराने की स्थिति में हैं या नहीं. अगर नहीं तो वो साफ बताएं. राज्यों की रिपोर्ट देखने के बाद देशभर में एग्जाम पर फैसला होगा. सूत्रों ने क्विंट को बताया
हालांकि सूत्रों ने कहा कि अभी तक उन CBSE एग्जाम पर फैसला नहीं लिया गया है, जो 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाले थे. ये खबर ऐसे समय में सामने आई है जब कुछ माता-पिता ने CBSE से एग्जाम वापस लेने की अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
फाइनल-ईयर एग्जाम पर विचार बदले?
सूत्रों ने क्विंट को बताया कि देशभर के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में फाइनल-ईयर के एग्जाम पर भी फैसला हो सकता है. ऐसा होना पहले के फैसले को बदलना होगा. 28 मई को HRD मंत्री ने कहा था कि फाइनल-ईयर एग्जाम जरूर कराए जाएं.
लेकिन क्योंकि स्थिति बिगड़ती चली गई है और कई रिपोर्ट्स कहती हैं कि जुलाई में कोरोना वायरस मामलों का पीक देखने को मिल सकता है, फाइनल-ईयर एग्जाम पर भी फैसला हो सकता है.
इस बीच अपनी बैठक के दौरान HRD मंत्री ने ऑनलाइन एजुकेशन को उन बच्चों तक पहुंचाने पर चर्चा की, जिनके पास संसाधन नहीं हैं. बैठक में कम्युनिटी केंद्रों को लर्निंग सेंटर में बदलने पर भी चर्चा हुई.
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