ADVERTISEMENTREMOVE AD

IIMC छात्रों ने की ऑफलाइन क्लास को लेकर मांग, रातभर धरने पर डटे रहे छात्र

छात्रों ने कहा, 10 महीनों के सत्र में से 3 महीने ऑनलाइन में निकल चुके हैं और अब उन्हें ऑफलाइन क्लासों की जरूरत है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जेएनयू से सटे और पत्रकारिता के सर्वश्रेष्ठ मीडिया संस्थान- भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में ऑफलाइन क्लास शुरू करवाने को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया जो पिछले पांच दिनों से जारी है. महामारी (Pandemic) के दौरान जब कई जगहों पर एहतियातन स्कूल और कॉलेजों को बंद किया जा रहा है ऐसे समय में छात्रों ने मांग की है कि संस्थान में ऑफलाइन क्लास शुरू हों.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आईआईएमसी (IIMC) के 8 दिसंबर को जारी हुए सर्कुलर के अनुसार ऑफलाइन कक्षाएं कुछ नियमों के साथ 3 जनवरी, 2022 से शुरू होने वाली थी लेकिन 24 दिसंबर को जारी किए गए नए सर्कुलर के अनुसार ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए ऑफलाइन क्लास शुरू करने की तारीख को 17 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है.

इसके बाद 25 दिसंबर से ही छात्रों ने कैंपस में आकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना देना शुरू किया और मांग की कि ऑफलाइन कक्षाएं 3 जनवरी से ही शुरू की जाए. छात्रों का कहना है कि दस महीनों के सत्र में से तीन महीने ऑनलाइन क्लासेस में निकल चुके हैं और अब उन्हें ऑफलाइन क्लासेस की जरूरत है.

आईआईएमसी के छात्र बृजेश सिंह ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया कि "हम दिन-रात ठंड में पिछले पांच दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक प्रशासन ने हमसे कोई बातचीत नहीं की है."

संस्थान के ही एक छात्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि "संस्थान में आने वाले सभी छात्रों ने दोनों डोज लगवाई है. हमारे माता-पिता ने भी अनुमति पत्र पर सहमति और हस्ताक्षर किए हैं. बगल में जेनएयू में हमसें कई गुना ज्यादा संख्या में छात्र हॉस्टल की सुविधाएं अक्टूबर से ले रहे हैं मगर वहीं हम कुछ 100 छात्रों को इससे दूर रखा गया है."

वो आगे कहते हैं कि "हममें से अधिकांश छात्र मध्यमवर्गीय या गरीब परिवार से आते हैं, हमारे पास तकनीकी शिक्षा का अभाव है, उपकरणों का अभाव है तब ऐसी स्थिति में हमारी दिक्कतों की तरफ संस्थान को ध्यान देना चाहिए था मगर इसके प्रति उनका रवैया काफी उदासीन रहा."

संस्थान के ही एक छात्र ने बताया कि वो संस्थान के पास ही बेर सराय में रह रहे हैं जहां पर खाने की और रहने की अच्छी सुविधा नहीं है लेकिन 3 जनवरी से कॉलेज खुलने की अपेक्षा में वो वहां रह रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

"कोविड और ओमिक्रॉन के कारण कुछ प्रतिबंध हैं, फिर भी हम रास्ता निकालेंगे"

आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि "छात्रों से दो बार आधिकारिक बात हो चुकी है. आनलाईन डीन और सभी कोर्स डायरेक्टर और केंद्र निदेशकों ने सभी विद्यार्थियों से बात की है. आज शाम डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) और डीन (अकादमिक) छात्रों से फिर बात करेंगे."

प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा, "विद्यार्थियों की जो भी मांगें हैं, उनपर विचार कर कोरोना गाइडलाइंस के अंतर्गत जो भी संभव होगा, जरूर करेंगे. वे हमारे अपने हैं. हम मिलकर रास्ता निकालेंगे. विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है. उनका कोई नुकसान न हो वे श्रेष्ठ शिक्षा और प्रशिक्षण पाएं, यही उद्देश्य है. कोविड और ओमिक्रॉन के कारण कुछ प्रतिबंध हैं, फिर भी हम रास्ता निकालेंगे. अपने विद्यार्थियों की भावनाओं और शासकीय दिशानिर्देश के बीच समन्वय बनाकर काम करेंगे. आईआईएमसी श्रेष्ठतम संस्थान है, यहां के विद्यार्थियों को श्रेष्ठतम प्रशिक्षण हमारी प्रतिबद्धता है."

बता दें कि इससे पहले भी 2019-20 में आईआईएमसी में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल हो चुकी है लेकिन उसका कोई ठोस समाधान अब तक नहीं निकला है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×