26 वर्षीय लवप्रीत कौर पंजाब के अमृतसर की रहने वाली हैं, इसी साल 9 फरवरी को उन्होंने कनाडा में स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई किया था. उन्हें टोरंटो के सेंटेनियल कॉलेज में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट यानी एचआर मैनेजमेंट के मास्टर कोर्स में एडमिशन तो मिला लेकिन एक बैच के नुकसान के बाद.
लवप्रीत कौर के कोर्स में शामिल होने की अंतिम तिथि 13 सितंबर थी, लेकिन उनका स्टूडेंट वीजा 14 सितंबर को आया, इस वजह से वह टोरंटो नहीं जा सकीं. अमृतसर से फोन पर उन्होंने क्विंट को बताया कि "कॉलेज ज्वॉइनिंग की अंतिम तारीख से सात महीने पहले ही मैंने स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन किया था. लेकिन यह एक दिन की देरी से आया था और अब मुझे नहीं पता कि क्या करना है? मुझे बताया गया है कि अगर जनवरी 2023 बैच में सीट होती है तो संस्थान मुझे प्रवेश देगा."
एकमात्र लवप्रीत कौर ही ऐसी नहीं हैं, जिन्हें वीजा की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. क्विंट ने उन भारतीय छात्रों से बात की, जिन्होंने कनाडा और यूके के कॉलेजों में एडमिशन तो मिल गया है, लेकिन उन्हें अभी तक अपना स्टूडेंट वीजा नहीं मिला है. कई स्टूडेंट्स को इस बात का डर है कि उन्हें वीजा की देरी की वजह से एक साल का नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि उन्होंने भारत के कॉलेजों में बैक-अप के तौर पर अप्लाई नहीं किया था.
भारतीय छात्रों में अनिश्चितता
24 अगस्त को कनाडा के एक समाचार पत्र नेशनल पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार अभी भी "1.3 मिलियन इमीग्रेशन एप्लीकेशन बैकलॉग में हैं." न्यूजपेपर में बताया गया है कि शुरू में महामारी की वजह से बैकलॉग था, लेकिन बाद में देश (कनाडा) द्वारा यूक्रेन में शरणार्थी संकट की प्रतिक्रिया शुरू करने के बाद बैकलॉग में तेजी आ गई.
कनाडा में अध्ययन करने के इच्छुक भारतीय छात्रों पर इसका बहुत प्रभाव पड़ा है. उदाहरण के तौर पर लवप्रीत कौर इस साल की शुरुआत से ही डिग्री शुरू करने के इस लंबे इंतजार से जूझ रही हैं.
लवप्रीत कौर ने क्विंट को बताया कि "मैंने इस साल जनवरी में एडमिशन मिला, मेरी इच्छा थी कि मैं मई बैच ज्वॉइन करूं लेकिन मेरा स्टूडेंट वीजा नहीं आया. इसलिए मुझे इसे सितंबर तक आगे बढ़ाना पड़ा. मैं भाग्यशाली थी क्योंकि उस वक्त इस बैच (सितंबर के) के लिए केवल एक ही सीट बची हुई थी. लेकिन एक बार फिर मेरे स्टूडेंट वीजा में देरी हुई और मैं कनाडा नहीं जा सकी. यह न्यायपूर्ण नहीं है. अगला बैच जनवरी 2023 में शुरू होगा, अब मुझे यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि अगले बैच में मेरे लिए कोई सीट होगी कि नहीं."
यह उन हजारों स्टूडेंट्स के सामने मौजूद एक विकट अनिश्चितता है, जो इस उम्मीद में अपने वीजा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि वे अपना कोर्स शुरू करने के लिए समय पर पहुंच जाएंगे. बैकलॉग के कारण स्टूडेंट वीजा एप्लीकेशन्स पर कम से कम तीन महीने की देरी के साथ प्रोसेसिंग की जा रही है.
राज्यसभा सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने कहा है कि इस देरी की वजह से लाखों स्टूडेंट्स प्रभावित हो रहे हैं. 9 सितंबर उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि "कनाडा के स्टूडेंट वीजा में स्पष्ट तौर पर तीन महीने की जो देरी देखी जा रही है वह चिंता का विषय है क्योंकि इससे विदेशों में अध्ययन करने के इच्छुक लाखों स्टूडेंट्स को प्रभावित होंगे. कनाडा की जीडीपी में भारत के स्टूडेंट 4 बिलियन डॉलर का योगदान करते हैं. इसलिए, मैं भारत के विदेश मंत्रालय से प्रक्रियाओं में तेजी लाने और छात्रों की मदद करने का आग्रह करता हूं."
कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने 19 अगस्त को उन भारतीय छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिनके वीजा आवेदनों में देरी हुई है. उच्चायोग की ओर कहा गया है कि उन्हें छात्रों से कई याचिकाएं मिली हैं. यह भी बताया गया कि वर्तमान में कनाडा के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में 2 लाख 30 हजार से अधिक भारतीय छात्र नामांकित (enrolled) हैं.
कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने 25 अगस्त को एक और एडवाइजरी जारी की जिसमें कहा गया कि "स्टूडेंट वीजा में देरी होने के कारण कई छात्र निर्धारित समय पर अपना कोर्स ज्वॉइन करने में असमर्थ हैं. कनाडा के विश्वविद्यालयों ने भी जल्द से जल्द वीजा में तेजी लाने की दिशा में काम करने के लिए आईआरसीसी (IRCC- इमीग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप कनाडा) कार्यालय से संपर्क किया है."
एडवाइजरी में कहा गया है कि "जो स्टूडेंट अपने वीजा का इंतजार कर रहे हैं उनके लिए कनाडा के विश्वविद्यालय और कॉलेज अस्थायी समाधान लेकर आए हैं. उन समाधान में से एक यह है कि स्टूडेंट्स अपने संबंधित विश्वविद्यालयों से संपर्क करें और अपने काेर्स को सितंबर 2022 के बजाय जनवरी 2023 तक आगे बढ़ा दें. "
पहले की एक एडवाइजरी में यह भी कहा गया था कि कुछ इंस्टीट्यूट्स स्टूडेंट्स को टर्म की शुरुआत में ऑनलाइन स्टडी करने का विकल्प देंगे."
कुछ ऐसी ही परिस्थिति ब्रिटेन में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों के साथ भी है. यूके वीजा और इमिग्रेशन डिपार्टमेंट (UKVI) ने कहा है कि वे संकट से भाग रहे यूक्रेनियन के आवेदनों को प्राथमिकता दे रहे हैं जिसके कारण उन्हें बड़ी संख्या में आवेदन मिल रहे हैं.
महीनों की मेहनत खराब हो रही है : स्टूडेंट्स
लवप्रीत कौर अभी भी इस उम्मीद में हैं कि वह जनवरी 2023 के कोर्स में दाखिला ले पाएंगी. वे बताती है कि "जिस दिन मेरा स्टूडेंट वीजा आया, उस दिन यह समझ नहीं आ रहा था कि मुझे खुश होना चाहिए या दुखी." कौर कहती हैं कि जनवरी 2023 तक इंतजार करने का मतलब है कि उन्हें फिर से आईईएलटीएस (IELTS) टेस्ट देना होगा क्योंकि तब तक पिछले वाले टेस्ट का स्कोर एक्सपायर हो चुका होगा.
"2019 में मेरा भाई पढ़ाई के लिए कनाडा गया था. उस समय प्रक्रिया बहुत स्मूथ (आसान) थी. वह मुझे बताता है कि उसका शेड्यूल काफी टाइट है और उसे बहुत मेहनत करनी है. मैं वह लाइफ स्टाइल चाहती थी, क्योंकि मैं स्वतंत्र होना चाहती हूं."लवप्रीत कौर
इस बीच, नाम न छापने की शर्त पर हरियाणा के एक और 18 वर्षीय छात्र ने क्विंट को बताया कि वह अपने स्टूडेंट वीजा का इंतजार कर रहा है. इस साल की शुरुआत में वह टोरंटो के हंबर कॉलेज को ज्वॉइन करने वाला था, लेकिन वीजा में देरी के कारण "उसे अपने कोर्स (बीकॉम इन इंटरनेशनल बिजनेस) के पहले सेमेस्टर में ऑनलाइन शामिल होने की अनुमति दी गई."
उसने बातया कि "इस साल 7 जुलाई को मैंने वीजा के लिए अप्लाई किया था. अभी तक इसके बारे में कुछ पता नहीं चला इसलिए फिलहाल के लिए मैं ऑनलाइन क्लासेज में हिस्सा ले रहा हूं." ट्यूशन फीस का रिफंड पाने की आखिरी तारीख 19 अक्टूबर है. उस स्टूडेंट ने कहा कि "अगर इससे पहले वीजा के बारे में सूचना नहीं मिलती तो शायद मुझे अपना नाम वापस लेना पड़ेगा." उसकी चिंता काफी बड़ी है, क्योंकि उसके पास कोई बैक-अप नहीं है. वह कहता है कि "मुझे नहीं पता कि क्या करना है, क्योंकि अब मैं भारतीय कॉलेजों में भी कोर्स के लिए अप्लाई करने की समय सीमा से चूक गया हूं."
भारत और कनाडा के बीच समय के अंतर के कारण ऑनलाइन क्लासेस भी आसान नहीं हैं.
"मेरी क्लासेस सुबह 3.30 बजे से होती हैं, कभी-कभी मैं इन्हें मिस कर जाता हूं, क्योंकि इतनी सुबह मैं जाग नहीं पाता हूं. छूटी हुई कक्षाओं के बारे में मैं पहले से ही चिंतित हूं, इसके अलावा मुझे अपने स्टूडेंट वीजा के बारे में काफी चिंता है."एक कनाडाई संस्थान में नामांकित एक छात्र
कोर्स बलदना पड़ेगा और स्कॉलरशिप छोड़नी पड़ेगी : स्टूडेंट्स
2 जुलाई को राजस्थान की एक 19 वर्षीय छात्रा ने स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई किया था. स्टूडेंट वीजा में देरी होने के कारण यह छात्रा टोरंटो के हंबर कॉलेज में चल रहे बैच को ज्वॉइन करने से चूक गई. इस बैच में शामिल होने की आखिरी तारीख 12 सितंबर थी लेकिन इस स्टूडेंट का वीजा 15 सितंबर को आया था.
"मैं पब्लिक रिलेशन्स में बैचलर्स करना चाहती हूं लेकिन जनवरी 2023 या मई 2023 बैचों में यह कोर्स उपलब्ध नहीं है. इसका मतलब है कि अगर मुझे इसी कोर्स को करना है तो मुझे एक और साल इंतजार करना होगा. मैंने पहले ही एक साल की ट्यूशन फीस का भुगतान कर दिया है. मैं लगातार कॉलेज को लिख रही हूं, अगर कुछ समाधान नहीं निकला तो मैं कोर्स बदल लूंगी. इस कोर्स के बजाय मैं हेल्थकेयर मैनेजमेंट में बैचलर ऑफ कॉमर्स की पढ़ाई करूंगी, क्योंकि यह कोर्स जनवरी 2023 में उपलब्ध है."
उसने बताया कि उसका चचेरा भाई कनाडा में है. "मैं कनाडा जाना चाहती थी क्योंकि मैं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहती थी, एजुकेशन लोन लेती और उसका भुगतान करने के लिए वहां काम करना चाहती थी. लेकिन मैं इसके बजाय अब मैं बहुत तनावपूर्ण स्थिति में आ गयी हूं.”
"मेरी तरफ से सभी प्रक्रियाएं समय पर की गई थीं, लेकिन किसी वजह से यह काम नहीं हुआ. मेरा एप्लीकेशन जल्द प्रोसेस हो जाएगा, इस उम्मीद में पिछले कुछ महीनों में बैकलॉग पर अपडेट पाने के लिए मैंने यूट्यूब चैनलों को देखा."राजस्थान की 19 वर्षीय छात्रा
जयपुर के एक स्टूडेंट को ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से एमफिल करने के लिए राज्य सरकार और इंस्टीट्यूट की तरफ से स्कॉलरशिप मिली है, यह छात्र भी अपने वीजा के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहा है. उसे इस बात का डर है कि कहीं उसकी 31 लाख रुपये की स्कॉलरशिप न चली जाए.
वह छात्र कहता है कि "दुख इस बात का है कि जो मैं कर सकता था वह सबकुछ मैंने किया. यह स्कॉलरशिप मुझे मेरिट के आधार पर मिली है. यह मेरे लिए काफी मायने रखती है. मुझे नहीं पता कि अगर मैं अगले साल जाता हूं तो मुझे यही स्कॉलरशिप मिलेगी या नहीं.”
इस स्टूडेंट ने 26 जुलाई को अपने वीजा के लिए अप्लाई किया था और उसकी फ्लाइट टिकट 26 सितंबर के लिए बुक है. यह छात्र बताता है कि "मैंने पैकिंग कर ली है और जाने के लिए तैयार हूं. लेकिन इस बात को लेकर मैं आश्वस्त नहीं हूं कि मैं यात्रा कर पाऊंगा या नहीं. मैं काफी बेचैनी से यूनिवर्सिटी को फोन और मेल कर रहा हूं. पूछताछ के बाद मुझे एक मेल प्राप्त हुआ है जिसमें कहा गया है कि मेरे वीजा पर निर्णय ले लिया गया है, लेकिन मुझे अभी भी नहीं पता कि वह फैसला क्या है."
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