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अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर चुभने वाला सच- गरीब बच्चे कोरोना में और पीछे हो गए

डिजिटल जमाने में खराब कनेक्टिविटी ने भी कइयों की पढ़ाई पर असर डाला.

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पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) के तीसरे साल में प्रवेश कर चुकी है. पिछले दो सालों में सभी के लिए कई चीजें बदल गईं, और इसके साथ ही हमेशा के लिए बदल गए स्कूल और शिक्षा. भारत की बात करें तो, मार्च 2020 में पहले लॉकडाउन के बाद से ही सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया. इसके बाद कोविड संक्रमण कमी आने पर स्कूल कई बार खोले गए, लेकिन बढ़ते संक्रमण ने वापस से स्कूलों पर ताला लगा दिया. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर, एक नजर डालते हैं कि कैसे कोविड महामारी ने भारत में शिक्षा को प्रभावित किया.

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कोरोना वायर महामारी का छात्रों और शिक्षा पर काफी प्रभाव पड़ा है. कोविड के कारण हजारों छात्रों को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी, वहीं डिजिटल जमाने में खराब कनेक्टिविटी ने भी कइयों की पढ़ाई पर असर डाला.
डिजिटल जमाने में खराब कनेक्टिविटी ने भी कइयों की पढ़ाई पर असर डाला.
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डिजिटल जमाने में खराब कनेक्टिविटी ने भी कइयों की पढ़ाई पर असर डाला.
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डिजिटल जमाने में खराब कनेक्टिविटी ने भी कइयों की पढ़ाई पर असर डाला.
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डिजिटल जमाने में खराब कनेक्टिविटी ने भी कइयों की पढ़ाई पर असर डाला.
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