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JEE मेन 2021: क्या है तैयारी का सही तरीका? एक्सपर्ट से जानिए

अगले अकैडमिक सेशन के लिए JEE मेन की परीक्षा, फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में चार सेशन में आयोजित कराई जाएगी.

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JEE मेन 2021 के लिए छात्रों को कैसे तैयारी करनी चाहिए? क्या छात्रों को JEE के सभी राउंड में शामिल होना चाहिए? JEE मेन की परीक्षा नजदीक है. ऐसे में क्विंट ने, FIIT JEE ग्रुप के एक्सपर्ट, रमेश बटलिश से जाने JEE मेन परीक्षाओं से जुड़े कुछ सवालों के जवाब.

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अगले अकैडमिक सेशन के लिए JEE मेन की परीक्षा, फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में चार सेशन में आयोजित कराई जाएगी. इससे छात्रों को अपना स्कोर बेहतर करने में मदद मिलेगी.

क्या फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में होने वाले सभी राउंड के लिए आवेदन करना चाहिए?

अगर बोर्ड परीक्षाओं की तारीखें स्पष्ट नहीं हैं, तो छात्र सभी चार राउंड के लिए रजिस्टर कर सकते हैं. सीबीएसई ने भले ही परीक्षा की तारीखों की घोषणा कर दी है, लेकिन कई अन्य बोर्ड्स ने अभी तारीखों का ऐलान नहीं किया है. इन चार में से, छात्रों को कम से कम दो राउंड का प्रयास करना चाहिए, ताकि प्रवेश परीक्षा उनकी बोर्ड परीक्षा के साथ टकराए नहीं.

अगर कोई एक से ज्यादा राउंड के लिए प्रयास करता है, तो स्कोर को कैसे कैलकुलेट किया जाएगा?

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने साफ किया है कि उम्मीदवार को रैंक देते समय बेस्ट स्कोर पर विचार किया जाएगा. ऐसे में, उम्मीदवार को अगले राउंड में बेहतर प्रदर्शन के विकल्प को बर्बाद नहीं करना चाहिए.

हालांकि, JEE एडवांस पर फोकस रख रहे छात्र JEE मेन के दो से ज्यादा सेशन में उपस्थित नहीं हो सकते, क्योंकि इससे JEE एडवांस की तैयारी के समय पर असर पड़ेगा.

छात्रों के लिए स्टडी टिप्स?

  • छात्र एक अच्छा रिविजन प्लान बनाएं.
  • एग्जाम के फॉर्मेट को अच्छी तरह समझने के लिए छात्र हफ्ते में एक या दो मॉक टेस्ट करें.
  • छात्रों को अपनी असली परीक्षा के समय पर ही मॉक टेस्ट का प्रयास करना चाहिए.
  • तीनों विषयों पर ध्यान देना जरूरी है, छात्र सलेक्टिव स्टडी से बचें.
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क्या इस साल परीक्षा के पैटर्न में कोई बदलाव है?

2020 में, JEE मेन में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के लिए 25-25 सवाल थे. इसमें से 20 मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन थे, वहीं 5 सवालों के जवाब ऐसे थे जो न्यूमरिकल थे. इसका मतलब, 300 मार्क्स के कुल 75 सवाल थे.

2021 में, पेपर में 90 सवाल होंगे, जिसमें से 75 सवाल करने होंगे.

इस साल बदलाव यही है कि न्यूमरिकल आंसर सेक्शन में छात्रों से 5 की जगह 10 सवाल पूछे जाएंगे. हालांकि, छात्र इन 10 में से किसी भी 5 सवालों का जवाब दे सकते हैं. इसके लिए नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी.

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पेपर को किस तरह से अटेम्पट करना चाहिए?

क्योंकि मल्टीपल च्वाइस सवालों में कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं है, छात्रों को उन्हीं सवालों को अटेम्पट करना चाहिए, जिसका जवाब उन्हें मालूम है. इस साल न्यूमरिकल आंसर सेक्शन में सवालों की संख्या ज्यादा है, इसलिए इस बार कट-ऑफ और ज्यादा रह सकती है.

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NIT और CFTI में एडमिशन के लिए क्या है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया?

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक, केंद्रीय सीट आवंटन बोर्ड के माध्यम से NIT, IIT और CFTI में बीई, बीटेक, बी.आर्किटेक्चर और बी.प्लानिंग कोर्स में प्रवेश ऑल इंडिया रैंक के आधार पर होगा. 12वीं बोर्ड परीक्षा में कम से कम 75% मार्क्स या 12वीं कक्षा या संबंधित बोर्ड के क्वालिफाइंग एग्जाम के टॉप 20 पर्सेंटाइल में रहने के फैसले का भी इसपर असर पड़ेगा.

इसके अलावा, बीई/बी.टेक के लिए, उम्मीदवारों का क्वालिफाइंग एग्जाम में फिजिक्स और मैथ्स में पास होना जरूरी है. इसके साथ, केमिस्ट्री, बायोटेक्नोलॉजी, बायोलॉडी या किसी दूसरे टेक्निकल वोकेशनल सबजेक्ट में भी पास होना जरूरी है.

एससी/एसटी उम्मीदवारों को, 12वीं कक्षा या क्वालिफाइंग एग्जाम में 65% मार्क्स लाने होंगे.

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