देशभर की यूनिवर्सिटी और संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. गृह मंत्रालय ने यूजीसी से जुड़ी यूनिवर्सिटीज और संस्थानों में फाइनल ईयर के एग्जाम कराने की मंजूरी दे दी है. मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में लिखा गया है कि फाइनल टर्म के एग्जाम अनिवार्य तौर पर और यूजीसी की गाइडलाइंस के आधार पर कराए जाएं और स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी SOP का पालन किया जाए.
UGC की नई गाइडलाइन जारी
गृह मंत्रालय की तरफ से मंजूरी आने के बाद HRD मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि अप्रैल 2020 में UGC ने एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी, जिसे एग्जाम और अकादमिक कैलेंडर से जुड़े मुद्दों पर सलाह देनी थी. इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर UGC ने 29 अप्रैल को गाइडलाइन जारी की थी. UGC ने इस कमेटी से गाइडलाइन पर दोबारा काम करके एग्जाम, एडमिशन और अकादमिक कैलेंडर के लिए ऑप्शन देने की बात कही थी.
UGC ने 6 जुलाई की बैठक में कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार किया और बदली हुई गाइडलाइन जारी की.
गाइडलाइंस की बड़ी बातें-
- कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच छात्रों की सेहत, सुरक्षा बेहद अहम है. साथ ही करियर, अकेडमिक क्रेडिबिलिटी और भविष्य भी जरूरी है. ऐसे में एजुकेशन सिस्टम में मूल्यांकन बेहद अहम हो जाता है. परीक्षाओं छात्रों को संतुष्टि और भरोसा देंगी जो ग्लोबल एक्स्पेटेंस के लिए जरूरी हैं.
- फाइनल ईयर या सेमेस्टर की परीक्षाएं यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट सितंबर के आखिरी में कराएंगे. ये ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में कराए जा सकते हैं.
- फाइनल के वो छात्र जिनका बैकलॉग है, उनके लिए परीक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में कराई जाएंगी, जो सुविधाजनक हो.
- अगर किसी छात्र की फाइनल ईयर या सेमेस्टर की परीक्षा किसी कारणवश रह जाती है. ऐसे में उसे कोर्स या पेपर के लिए दोबारा मौका दिया जाएगा. ऐसा यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट अपनी सुविधा के हिसाब से करेगा. जिससे कि छात्र को कोई नुकसान न हो. ऐसा सिर्फ सत्र 2019-20 के लिए,एक बार होगा.
- 29 अप्रैल को जो गाइडलाइन जारी हुए थे वो बाकी सभी सेमेस्टर के लिए वैसे के वैसे ही रहेंगे.
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