राजस्थान (Rajasthan) में कोरोना संक्रमण (COVID-19) का असर कम होने के साथ ही अब करीब डेढ़ साल बाद प्राइमरी स्कूल (Primary Schools) आज से फिर खुल गए हैं. सरकार के गृह विभाग की तरफ से जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक, अभी स्कूलों में पचास प्रतिशत बच्चों को ही बुलाए जाने की इजाजत है.
इसके लिए भी पहले अभिभावकों से सहमति लेना जरूरी होगा. इसे देखते हुए कई निजी स्कूलों ने बच्चों को उनके रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार बुलाने की योजना बनाई है. सरकारी स्कूलों में भी इसी तरह बच्चों को बुलाने की तैयारी की जा रही है.
क्या है सरकार की नई गाइडलाइंस?
राज्य सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक, फिलहाल छात्रों का स्कूल आना अनिवार्य नहीं किया गया है. ऐसे में छात्र घर बैठकर भी ऑनलाइन पड़ाई कर सकेंगे. वहीं, जो छात्र स्कूल आ रहे हैं, वह बिना यूनिफार्म में आ सकेंगे.
स्कूलों में फिल्हाल कोरोना के मद्देनजर प्रार्थना करवाने और कैंटीन और कैफेटेरिया को बंद रखे जाने के निर्देश हैं. छात्रों को घर से ही पानी की बोतल और भोजन लाने की अपील की गई है, ताकि बेवजह छात्र क्लास रूम से बाहर न निकलें.
बच्चों के लंच टाइम भी अलग-अलग कर दिए गए हैं. इसमें क्लास टीचर भी बच्चों के साथ क्लास रूम में बैठकर ही लंच लेंगे. बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल स्टाफ को वैक्सीन की दोनों डोज लगी होना भी अनिवार्य किया गया है.
अभिभावकों में डर
छोटे बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर पेरेंट्स में अभी भी कोरोना को लेकर भय का माहौल देखा जा रहा है. उनका का मानना है कि बच्चों के वैक्सीन लगने के बाद भी इस तरह का कदम उठाया जाना चाहिए.
प्रदेश में कक्षा पांच से आठवीं तक की कक्षाओं को शुरु करने की इजाजत सरकार ने 20 सितंबर से ही दे दी थी. हालांकि अभी स्कूलों में इन कक्षाओं में बच्चों की संख्या बहुत कम है.
ग्रामीण इलाकों में जरूर बच्चों को स्कूल भेजने में उत्साह दिखाई दे रहा है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में अभी भी अभिभावक कोरोना को लेकर आशंकित हैं.
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