सुप्रीम कोर्ट ने JEE मेन और NEET UG परीक्षाओं को टालने की याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि कोविड के बावजूद जीवन आगे बढ़ना है और कोर्ट नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के फैसले में हस्तक्षेप कर छात्रों के करियर को संकट में नहीं डाल सकता.
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि पॉलिसी निर्णय में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है. बेंच ने कहा कि कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान को रिकॉर्ड में लिया है, जिन्होंने कहा है कि परीक्षा पूरी सावधानी के साथ आयोजित कराई जाएंगी.
JEE मेन की परीक्षाएं 1 से 6 सितंबर के बीच आयोजित कराई जाएंगी. वहीं, JEE एडवांस्ड की परीक्षा 27 सितंबर और NEET (UG) 2020 की परीक्षा 13 सितंबर को होगी.
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से मांग की थी कि COVID-19 संकट के बाद देश में सामान्य स्थिति होने के बाद JEE और NEET परीक्षा आयोजित कराने के लिए वो केंद्र को निर्देश दे.
उनके वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने बेंच को बताया था कि वो अनिश्चितकाल के लिए परीक्षाओं को टालने की मांग नहीं कर रहे हैं, बस कुछ समय के लिए क्योंकि जल्द ही वैक्सीन की संभावना थी.
“COVID-19 के लिए जल्द ही वैक्सीन आने की संभावना है. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने अपने 15 अगस्त के भाषण में इसके बारे में बात की थी.”अलख आलोक श्रीवास्तव ने कोर्ट से कहा
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा कि कोरोना वायरस के इस समय में भी जिंदगी को आगे बढ़ते रहना चाहिए. बेंच ने कहा कि अगर समय पर परीक्षा नहीं हुई तो छात्रों को पूरा अकैडमिक ईयर गंवाना पड़ेगा.
“अगर परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तो क्या ये देश के लिए नुकसान नहीं होगा? छात्र पूरा अकैडमिक ईयर गंवा देंगे.”जस्टिस अरुण मिश्रा
11 राज्यों के 11 छात्रों ने COVID-19 महामारी के कारण स्थिति सामान्य होने तक JEE और NEET 2020 परीक्षा को टालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट में परीक्षाएं तय समय पर कराने को लेकर भी एक याचिका डाली गई थी. परीक्षा टालने की याचिका खारिज होने के बाद इस याचिका को वापस ले लिया गया.
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