UGC Declares 20 'Fake' Universities list: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश के 20 विश्वविद्यालयों को फर्जी करार दिया है यूजीसी ने इन सभी विश्वविद्यालयों की लिस्ट जारी की हैं. यूजीसी ने कहा है कि फर्जी घोषित किए गए विश्वविद्यालयों को डिग्री देने का अधिकार नहीं है. फर्जी विश्वविद्यालयों की लिस्ट में दिल्ली के सबसे अधिक आठ संस्थान इनके अलावा चार संस्थान यूपी से और कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल फर्जी विश्वविद्यालय की लिस्ट में शामिल हैं.
20 'Fake' Universities list: फर्जी विश्वविद्यालय की लिस्ट
1. अखिल भारतीय सार्वजनिक और शारीरिक स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान.
2. कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड दरियागंज.
3. संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय.
4. व्यावसायिक विश्वविद्यालय.
5. एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी.
6. भारतीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग संस्थान.
7. स्वरोजगार के लिए विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय (ओपन यूनिवर्सिटी).
8. आध्यात्मिक विश्वविद्यालय. (स्पिरिचुअल यूनिवर्सिटी)
9. गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयाग (इलाहाबाद).
10. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर.
11. नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी (ओपन यूनिवर्सिटी), अचलताल, अलीगढ़.
12. भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ.
13. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता.
14. इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च, कोलकाता.
15. क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, गुंटूर.
16. बाइबिल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया, विशाखापत्तनम.
17. बदगानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, गोकक, बेलगाम.
18. सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, किशनट्टम
19. राजा अरबी विश्वविद्यालय, नागपुर पुडुचेरी में फर्जी यूनिवर्सिटी
20. श्री बोधि उच्च शिक्षा अकादमी, थिलास्पेट, वजुथावूर रोड, पुडुचेरी.
यूजीसी ने कहा कई संस्थान यूजीसी अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत डिग्री प्रदान कर रहे हैं. ऐसे विश्वविद्यालयों की तरफ से प्रदान की गई डिग्रियां न तो मान्यता प्राप्त होंगी और न ही उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए मान्य होंगी.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के अनुच्छेद 22 (1) के अनुसार, केंद्रीय, राज्य, प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 3 के तहत स्थापित मानद विश्वविद्यालय ही उपाधि प्रदान कर सकते हैं, जिन्हें संसदीय अधिनियम की ओर से उपाधि प्रदान करने के लिए विशेष रूप से अधिकार दिया गया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 23 के अनुसार, उपरोक्त के अलावा अन्य किसी संस्थान की ओर से विश्वविद्यालय शब्द का प्रयोग निषिद्ध है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)