नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)| वैश्विक प्रबंधन परामर्श फर्म डेलोइट ने कहा है कि मल्टी ब्रांड रिटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ने से देश में संगठित रिटेल सेक्टर का विकास होगा।
इसका दूसरा फायदा यह होगा कि इससे देश में खपत आधारित विकास होगा। कंपनी ने अपनी ताजा रिपोर्ट 'रिटेल एफडीआई इन इंडिया' में यह बात कही।
वैश्विक मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, रिटेल सेक्टर का एफडीआई के जरिए विकास होने से देश में खपत को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ ही छोटे-मोटे दुकानों को भी नई तकनीक मिलेगी, जिससे रिटेल सेक्टर का और विकास होगा।
बड़े शहरों में करीब 70 फीसदी और टियर-2 शहरों में 37 फीसदी किराना दुकान नई तकनीक के साथ खुद को सक्षम बनाना चाहते हैं। नवीनतम उपकरणों की उपलब्धता से स्थानीय व्यवसायों को काफी मदद मिलेगी।
रिटेल एफडीआई 2018-19 में सालाना आधार पर 98 फीसदी बढ़ा है। इस सेक्टर में 2017-18 में 22.4 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश हुआ था, जो 2018-19 में बढ़कर 44.3 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता रिटेल बाजार बनने के करीब पहुंच चुका है। इस तरह से भारत का रिटेल सेक्टर निवेश के लिहाज से काफी आकर्षक हो गया है।
इस दौरान डेलोइट इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि नियामकीय कदमों और बेहतर नीतियों के बल पर भारत विश्व बैंक के कारोबारी सहुलियत सूचकांक में 130 से सुधार करते हुए 63वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे निवेशकों में भारत को लेकर भरोसा बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि इसके कारण भारत के रिटेल सेक्टर में अधिक एफडीआई आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक कई कारणों से रिटेल सेक्टर में एफडीआई बढ़ा है। इसमें नई प्रत्यक्ष कर व्यवस्था, स्थानीय खरीदारी के नियम, जीएसटी का समय पर और प्रभावी कार्यान्वयन और रिटेल सेक्टर में एफडीआई नियमों में बदलाव भी शामिल हैं।
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