ADVERTISEMENTREMOVE AD

डेटा चोरी: भारत ने कैंब्रिज एनालिटिका से मांगे 6 सवालों के जवाब

कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक से डेटा खरीद कर पॉलिटिकल पार्टियों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

फेसबुक पर यूजर्स के डेटा बेचने के आरोपों के बीच अब भारत सरकार भी हरकत में आ गई है. जी मीडिया के मुताबिक शनिवार को सरकार ने ब्रिटेन की फर्म कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस देकर फर्म के ग्राहकों की लिस्ट मांगी है. साथ ही डेटा का सोर्स भी पूछा गया है.

कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि फर्म ने पॉलिटिकल पार्टियों को चुनाव के दौरान डेटा बेचा था. फेसबुक पर कैंब्रिज एनालिटिका को 5 करोड़ यूजर्स का डेटा बेचने का आरोप है.

31 मार्च तक देना होगा जवाब

आईटी मिनिस्ट्री ने कैंब्रिज एनालिटिका से फेसबुक डेटा ब्रीच मामले में 31 मार्च तक 6 सवालों के जवाब देने को कहा है. सरकार ने एनालिटिका से पूछा है कि कैसे फर्म ने डेटा इकट्ठा किया और क्या डेटा लेने वाले व्यक्ति से सहमति मांगी गई थी. फर्म को ये भी बताना होगा कि डेटा का इस्तेमाल किस तरीके से किया गया.

बुधवार को रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक को दी थी चेतावनी

कानून मंत्री ने इस डेटा चोरी की रिपोर्ट आने के बाद ही फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग को चेतावनी दी थी. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि फेसबुक साफ-साफ तौर पर जान ले कि अगर जरूरी हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इससे पहले कैंब्रिज एनालिटिका फर्म के चुनावों के दौरान वोटरों को प्रभावित करने को लेकर बीजेपी-कांग्रेस दोनों भिड़ गए. दोनों पार्टियां एक दूसरे पर कैंब्रिज एनालिटिका की सेवा लेने का आरोप लगा रहे हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

कई देशों ने कसा फेसबुक पर शिकंजा

यूरोपीय संघ और ब्रिटेन की संसद ने इस मामले को लेकर फेसुबक के मार्क जकरबर्ग को पेश होकर सफाई देने के लिए कहा है. इसके बाद अब अमेरिका में भी सांसदों ने जकरबर्ग को कांग्रेस के सामने पेश होने को कहा है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, संघीय व्यापार आयोग (Federal Trade Commission) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या फेसबुक ने कैंब्रिज एनालिटिका को ग्राहकों की जानकारियां देकर नियमों का उल्लंघन किया है.

वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर आयोग ने फेसबुक को उल्लंघन का दोषी पाया, तो उसे हर आरोप पर 40 हजार डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×