नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों के आंदोलन को मजबूत करने और उनका समर्थन करने के लिए हरियाणा के करनाल से भारी संख्या में किसानों का समूह एक बार फिर सिंघु बॉर्डर पहुंच गया है।
अंदोलन कर रहे किसानों के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए हरियाणा के करनाल से करीब 3 हजार गाड़ियां बॉर्डर पर पहुंची हैं।
इस मसले पर किसान नेता दर्शन पाल ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि, किसान अब अपनी खेती से फ्री हुए हैं। इसके बाद अब आन्दोलन को मजबूत करना है। पिछले कुछ वक्त से खेती की कटाई के कारण किसान अपने अपने गांव चले गए थे।
दरअसल पिछले महीने भर से अपने अपने गांव खेती की कटाई के कारण आंदोलन स्थल छोड़ चले गए थे, दूसरी ओर पंचायती चुनाव के कारण भी किसान व्यस्त रहे। लेकिन किसान अब एक बार फिर बॉर्डर पहुंचने लगे हैं।
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से सरकार को खत लिखा गया कि किसान भी सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार है। जब सरकार तैयार हैं तो किसान भी बातचीत के लिए तैयार है लेकिन उसे शुरू तो किया जाए। ये खत सरकार को इसलिए लिखा गया है ताकि जनता को ये न लगे कि किसान जिद पर हैं। किसान भी बातचीत के लिए तैयार हैं।
इसके अलावा किसानों ने केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाई है। जिसके तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ हरियाणा के किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 24 मई 2021 को हिसार कमिश्नरी का घेराव करेंगे।
सयुंक्त किसान मोर्चा आसपास के किसानों से अपील किया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे। किसानों की मांग है उन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो जिन्होंने अमानवीय तरीके से किसानों पर हमले किये और लाठीचार्ज, आसूं गैस और पत्थरबाजी के सहारे किसानों के प्रदर्शन को रोका।
इस विरोध प्रदर्शन में पंजाब के सीनियर किसान नेताओ के साथ साथ सयुंक्त किसान मोर्चा के नेता भी पहुँचेंगे।
इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मई के दिन देश भर में विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है। सभी देशवासियों से अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाने और मोदी सरकार के पुतले जलाने की अपील की है। इसी दिन भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव बुद्ध पूर्णिमा भी पड़ता है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला किया है कि 26 मई के दिन सभी मोचरें और धरनों पर अपने अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी।
किसान आंदोलन के दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने पूरा होने पर व केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा होने पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने इस दिन मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया है।
इस दिन मोदी सरकार के पुतले जलाने का भी आह्वान किया गया है। इस दिन देशवासियों से अपील है कि अपने घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी-जनता विरोधी मोदी सरकार का विरोध करें।
इस मुहिम का देश की ट्रेड यूनियन, छात्र संगठन व तमाम जनवादी संगठन खुलकर समर्थन कर रहे है।
दरअस तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
-- आईएएनएस
एमएसके/आरजेएस
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