ADVERTISEMENTREMOVE AD

मॉनसून सत्र के दौरान आज से किसानों की 'संसद', 200 किसान होंगे शामिल

किसानों का प्रदर्शन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

आज से सदन के बाहर जंतर-मंतर पर किसानों की 'संसद' चलेगी. संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन करने की किसानों की मांग को दिल्ली पुलिस ने सशर्त मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि 200 किसानों को जंतर-मंतर पर किसान संसद का आयोजन करने की इजाजत दी गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा-

200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद लगाएंगे और पंचायत करेंगे, यह सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा. हम यहां से सिंघु बॉर्डर जाएंगे और वहां से बसों से जंतर मंतर जाएंगे. जंतर-मंतर पर पंचायत होगी, जिसे किसान संसद का नाम दिया गया है.

आज किसान जंतर मंतर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शन में किसान कई जगहों से जंतर मंतर आएंगे. इस दौरान टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं.

8 महीने से किसानों का प्रदर्शन

दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले आठ महीनों से तीन केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. वे सितंबर 2020 में बनाए गए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.

किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा, था "हम 22 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र समाप्त होने तक किसान संसद का आयोजन करेंगे और 200 प्रदर्शनकारी हर दिन जंतर-मंतर जाएंगे. हर दिन एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर चुना जाएगा. पहले दो दिनों में इस पर चर्चा होगी. एपीएमसी अधिनियम बाद में, अन्य विधेयकों पर भी हर दो दिन में चर्चा की जाएगी."

उन्होंने मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसके बाद एक किसान नेता ने कहा कि वे जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार बातचीत को तैयार-नरेंद्र सिंह तोमर

इससे पहले मंगलवार को केंद्र सरकार ने कहा था कि वह आंदोलनरत किसान संगठनों से तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार है, लोकसभा में हुए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि आंदोलन का हल निकालने के लिए अब तक सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई है. किसान संगठन चर्चा के लिए कभी भी सहमत नहीं हुए, बल्कि वे सिर्फ कानूनों को निरस्त करने की मांग करते रहे.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने लिखित जवाब में कहा, "सरकार की ओर से विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं. सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई, ताकि इन समस्याओं का समाधान निकल सके.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×