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पिछले एक साल में नॉन-वेज थाली हुई सस्ती तो वेज थाली की कीमत बढ़ी- रिपोर्ट

वेज थाली की कीमत बढ़ने का मुख्य कारण टमाटर और प्याज की कीमतों में उछाल है- रिपोर्ट

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पिछले एक साल में देश के अंदर वेज यानी शाकाहारी थाली की कीमत में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जबकि नॉन- वेज थाली की कीमत में 13 प्रतिशत की कमी आई है. यह बात क्रिसिल (CRISIL) यानि क्रेडिट रेटिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा बुधवार, 7 जनवरी को जारी एक रिपोर्ट में कही गयी है.

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रिपोर्ट के अनुसार, एक वेज थाली में रोटी, प्याज, टमाटर और आलू, चावल, दाल, दही और सलाद को शामिल किया गया है. दूसरी ओर नॉन-वेज थाली में वेज थाली के समान ही व्यंजन होते हैं. केवल इसमें दाल की जगह चिकन को शामिल किया जाता है.

इस रिपोर्ट के अनुसार इस साल जनवरी में वेज थाली की कीमत 28 रुपये थी. जबकि पिछले साल जनवरी में यह 26.6 रुपये थी. वहीं इसी अवधि के दौरान नॉन-वेज थाली की कीमत 59.9 रुपये से घटकर 52 रुपये हो गई.

'टमाटर- प्याज की कीमत में उछाल के कारण वेज थाली महंगी'

रिपोर्ट के अनुसार, वेज थाली की कीमत बढ़ने का मुख्य कारण टमाटर और प्याज की कीमतों में उछाल है, जो पिछले साल क्रमश: 20 फीसदी और 35 फीसदी महंगे हुए हैं. इसके अलावा, चावल और दालों की कीमतों में भी क्रमशः 14 प्रतिशत और 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

विशेष रूप से, शाकाहारी थाली की कीमत में वृद्धि से संकेत मिलता है कि जनवरी 2023 की तुलना में जनवरी में खाद्य मुद्रास्फीति अधिक बनी रही. जनवरी 2023 में, खुदरा मुद्रास्फीति 6.52 प्रतिशत दर्ज की गई, जिसमें खाद्य मुद्रास्फीति 5.94 प्रतिशत थी.

नवीनतम डेटा अगले सप्ताह जारी होने वाला है.

दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.69 फीसदी और खाद्य महंगाई दर 9.53 फीसदी थी.

नॉन-वेज थाली की कीमत कम होने का मुख्य कारण यह है कि उच्च उत्पादन के कारण ब्रॉयलर (मुर्गे की एक प्रजाति) की कीमत में 26 प्रतिशत की गिरावट आई है. नॉनवेज थाली की कुल कीमत में ब्रॉयलर की हिस्सेदारी 50 फीसदी होती है.

दिसंबर 2023 के बाद दोनों थालियों की कीमत घटी

पिछले साल 2023 के दिसंबर की तुलना में दोनों थालियों की कीमत कम हो गई है. जारी रिपोर्ट के अनुसार, "हर महीने वेज और नॉन-वेज थाली की कीमत में क्रमश: 6 फीसदी और 8 फीसदी की गिरावट आई है."

यह राहत दिसंबर 2023 के बाद प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमशः 26 प्रतिशत और 16 प्रतिशत की गिरावट के कारण थी. यह निर्यात प्रतिबंधों और नॉर्थ और पूर्वी राज्यों से ताजा टमाटर की आयात के बीच आपूर्ति में वृद्धि के कारण था.

CRISIL की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि "ब्रॉयलर की कीमतों में महीने-दर-महीने 8-10 फीसदी की गिरावट के कारण नॉन-वेज थाली की कीमत में तेजी से गिरावट आई है."

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