भारती की मेजबानी में दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत नहीं आएंगे. चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, भारत के निमंत्रण पर चीनी प्रीमियर ली चियांग जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आएंगे. चीन से पहले रूस की ओर से भी बताया गया था कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी-20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत नहीं आएंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Jinping) के जी20 सम्मेलन में शामिल न होने को लेकर निराशा व्यक्त की है.
पिछले कई सालों से भारत और चीन के बीच रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं. गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध काफी प्रभावित हुए थे. जबसे भारतीय और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है और संबंध सामान्य भी नहीं है.
शी जिनपिंग के जी20 में शामिल न होने पर जो बाइडेन निराश
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जी20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए 7 अगस्त से भारत के दौरे पर आ रहे हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जी20 सम्मेलन में शामिल न होने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने निराशा जताते हुए कहा है कि, "मैं उनके जी20 सम्मेलन में न आने से निराश हूं लेकिन बाद में उनसे मिलूंगा".
वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एक निजी टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में कहा कि हम बैठक में ग्रोथ और दुनिया की दूसरी समस्याओं से निपटने पर विचार करेंगे. इसलिए ये सवाल अहम नहीं है कि यहां आकर कौन सम्मेलन में भाग ले रहा और कौन नहीं. याद रखिए कि जी-20 के हर देश का प्रतिनिधित्व हो रहा है. उनका प्रतिनिधित्व कौन करेगा, ये उनका फैसला है. ''
उन्होंने आगे कहा कि...
''अलग-अलग देशों की अपनी जरूरतें हो सकती हैं. उनका अपना कार्यक्रम हो सकता है. कूटनीति में उनके इस फैसले का सम्मान होना चाहिए. मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि हर सदस्य देश यहां आएगा और पूरी गंभीरता से इसमें हिस्सा लेगा.''
जी20 शिखर सम्मेलन में कौन-कौन होगा शामिल
दिल्ली में जी20 सम्मेलन की तैयारियां अपने अंतिम रूप में है. जी20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए विश्व भर के शीर्ष नेता दिल्ली आ रहे हैं. जी20 में शामिल होने वालों में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीस, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक, जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा समेत कई अन्य प्रतिनिधि शामिल हैं.
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