जी 20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) को लेकर भारत में तैयारी जोरों से चल रही हैं. सदस्य देशों के शीर्ष नेता 7 सितंबर से भारत आने लगे हैं. इसी के साथ मेहमानों के हवाई सुरक्षा के लिए भारतीय वायु सेना ने उत्तरी क्षेत्र में चल रहे अभ्यास त्रिशूल पर रोक लगा दी है. ऐसे में 7 से 10 सितंबर तक किसी भी तरह के कोई लड़ाकू विमान उड़ान नहीं भरेंगे.
हवाई क्षेत्र पर नजर रखने के लिए (PHALCON AWACS) तैनात
वायुसेना अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि केवल त्रिशूल में शामिल विमानों के उड़ान संचालन को रोका जाएगा और अन्य नियमित उड़ानें जारी रह सकती हैं.
NDTV ने रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस अवधि में भारतीय वायु सेना जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर दिल्ली क्षेत्र के हवाई सुरक्षा के लिए देश भर के हवाई क्षेत्र पर नजर रखने के लिए अपने फाल्कन अवाक्स (PHALCON AWACS) विमान का संचालन शुरू करेगी.
भारतीय वायु सेना भी शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए, दिल्ली के आसमान की सुरक्षा के लिए अपने राफेल और अन्य लड़ाकू जेट विमानों को उन्नत हवाई अड्डों पर तैनात कर रही है.
दुश्मन के विमानों या दुष्ट ड्रोनों को मार गिराने के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों को भी दिल्ली के आसपास के स्थानों पर ले जाया गया है.
हवाई साजिश से निपटने के लिये वायुसेना ने ODC बनाया
G-20 सम्मेलन को मद्देनदर रखते हुए हवाई सुरक्षा को लेकर भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार है. हवाई हमले को रोकने के लिये वायुसेना ने ऑपरेशन डायरेक्शन सेंटर (ODC) बनाया है, जो दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में बने ज्वाइंट कंट्रोल एंड एनालिसिस सेंटर के साथ संपर्क में रहेगा.
बता दें कि भारतीय वायु सेना 4 सितंबर से चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं के साथ उत्तरी क्षेत्र में त्रिशूल नामक एक प्रमुख प्रशिक्षण अभ्यास कर रही है.
राफेल, मिराज 2000 और Su-30MKI सहित लड़ाकू विमानों के सभी प्रमुख बेड़े चिनूक और अपाचे सहित भारी-लिफ्ट परिवहन विमान और हेलिकॉप्टरों के साथ अभ्यास में भाग ले रहे हैं.
गरुड़ विशेष बल भी उस अभ्यास का हिस्सा हैं, जहां वायु शक्ति के सभी तत्वों का अभ्यास किया जा रहा है. अभ्यास 4 सितंबर से चल रहा है और 14 सितंबर को लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी क्षेत्र में समाप्त होगा.
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