बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की अमेरिका ने आलोचना की है. नई दिल्ली के अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी बयान में प्रेस की आजादी का हवाला देते हुये इस वारदात को निंदनीय बताया गया है.
अमेरिकी दूतावास के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ' सम्मानित पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुर में हुई हत्या के मामले में भारत सहित दुनिया भर में प्रेस की आजादी के हवाले से हो रही आलोचना में अमेरिकी दूतावास अपनी आवाज मिलाता है. '
इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गृह सचिव को कर्नाटक सरकार से रिपोर्ट मांगने के निर्देश दिए हैं. इस हत्याकांड को लेकर राजनीति लगातार गरमा रही है. कांग्रेस ने इस हत्या के लिए दक्षिणपंथी विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया है.
मंगलवार को गौरी लंकेश की उनके ही घर के सामने कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने की हत्या की निंदा
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा की है. राहुल ने बताया कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में बात की है और उनसे लंकेश की हत्या के दोषियों को पकड़कर सजा दिलाने की अपील की है.
राहुल ने कहा, ‘जो भी बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, उस पर दवाब बनाया जाता है, उसे पीटा जाता है, हमला किया जाता है, उसे जान से मार दिया जाता है.’
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि पीएम एक प्रशिक्षित हिंदुत्व वाली विचारधारा के नेता हैं. उनके शब्दों में दो मतलब होते हैं. उनके लोगों के लिए अलग होता है और बाकी दुनिया के लिए अलग.
सोशल मीडिया पर एक्टिव थी गौरी लंकेश
गौरी लंकेश सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थी. तमाम मुद्दों पर उन्हें बेबाक राय रखने के लिए जाना जाता था. उनकी हत्या को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा हो रही है. अपनी हत्या से कुछ घंटे पहले तक वह सोशल साइट ट्विटर पर एक्टिव थीं.
लंकेश ने अपने ट्विटर हैंडल से फर्जी खबरों को सोशल मीडिया पर शेयर किये जाने के खिलाफ ट्वीट किए और इससे संबंधित कई ट्वीट्स को री-ट्वीट भी किया. गौरी ने आखिरी रिट्वीट रोहिंग्या मुसलमानों पर लिखी गई स्टोरी के ट्वीट को किया था. इससे कुछ वक्त पहले गौरी ने दो ट्वीट भी किए थे.
गौरी लंकेश के दो आखिरी ट्वीट
गौरी लंकेश ने पहले ट्वीट में लिखा था, ‘मुझे ऐसा क्यों लगता है कि हममें से कुछ लोग अपने आपसे ही लड़ाई लड़ रहे हैं? हम अपने सबसे बड़े दुश्मन को जानते हैं. क्या हम सब इस पर ध्यान लगा सकते हैं?’
एक अन्य ट्वीट में लंकेश ने लिखा है, ‘हम लोग कुछ फर्जी पोस्ट शेयर करने की गलती करते हैं. आइए एक-दूसरे को चेताएं और एक-दूसरे को एक्सपोज करने की कोशिश न करें.’
व्यवस्था विरोधी रुख के लिए विख्यात थीं गौरी लंकेश
अपने आवास के बाहर हत्या का शिकार हुईं गौरी लंकेश एक पत्रकार-कार्यकर्ता थीं, जो व्यवस्था विरोधी, गरीब समर्थक और दलित समर्थक रुख रखती थीं. कन्नड पत्रकारिता में कुछ महिला संपादकों में शामिल गौरी प्रखर कार्यकर्ता थीं, जो नक्सल समर्थक थीं और वामपंथी विचारों को खुले तौर पर प्रकट करती थीं.
साल 1962 में जन्मीं गौरी कन्नड पत्रकार और कन्नड साप्ताहिक टैबलॉयड 'लंकेश पत्रिका' के संस्थापक पी. लंकेश की बेटी थीं. उनकी बहन कविता और भाई इंद्रजीत लंकेश फिल्म और थियेटर कलाकार हैं.
अपने भाई और पत्रिका के प्रोपराइटर/प्रकाशक इंद्रजीत से मतभेद के बाद उन्होंने लंकेश पत्रिका के संपादक पद को छोड़कर 2005 में कन्नड टैबलॉयड 'गौरी लंकेश पत्रिका' की शुरुआत की थी.
बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी और पार्टी पदाधिकारी उमेश दोषी द्वारा दायर मानहानि मामले में पिछले साल हुबली के मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था, जिन्होंने 23 जनवरी 2008 को उनकी पत्रिका में प्रकाशित एक खबर पर आपत्ति जताई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावरों ने गौरी के घर का दरवाजा खटखटाया और जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला उन्हें गोली मार दी.
कट्टर ताकतों के खिलाफ वे हमेशा से लिखती रही. गौरी कई अखबारों में सीनियर कॉलमिस्ट भी थीं, साथ ही वे अकसर टीवी डिबेट्स में बतौर सीनियर जर्नलिस्ट और एक्टिवस्ट शामिल होती थीं.
कर्नाटक HM: तीन टीमें कर रही हैं जांच
कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने बताया कि घर में दो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. तीन टीमें बनाकर पूरे मामले की जांच की जा रही है.
पुलिस कमिश्नर ने दिया बयान
हमने गौरी लंकेश को खून से लथपथ पाया. मौके से चार गोलियों के खोके भी बरामद हुए हैं. इनमें से कितनी गोलियां उनके शरीर में गईं, ये तो पोस्टमार्टम के बाद ही साफ हो पाएगा. अभी तक हमलावरों की संख्या साफ नहीं है. उन्होंने कभी खतरे की शिकायत नहीं की. अगर उन्होंने कभी इस बारे में बताया होता तो पूरी जांच की जाती.टी सुनील कुमार, बेेंगलुरू पुलिस कमिश्नर
CM बोले- मैं स्तब्ध हूं!
गौरी की हत्या की चारों ओर से निंदा हो रही है. सीएम सिद्धारमैया ने ट्वीट कर दुख जताया. उन्होंने लिखा, ‘मैं वरिष्ठ पत्रकार और प्रगतिशील पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से स्तब्ध हूं. मैनें डीजीपी से बात की है और उन्हें जल्द और कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, ताकि हत्यारों को सजा मिल सके.’
राहुल गांधी ने जताया दुख
राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर गौरी लंकेश की हत्या पर दुख जताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘सत्य कभी दब नहीं सकता. गौरी लंकेश हमारे दिलों में रहती हैं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.दोषियों को सजा मिलनी ही होगी’
योगेंद्र यादव और जावेद अख्तर ने भी हत्या पर हैरानी जताई. दोनों ने इसे कलबुर्गी, गोविंद पनसारे और दाभोलकर की हत्या से जोड़कर देखा.
हत्या के विरोध में प्रदर्शन
लोगों ने हत्या के विरोध में कैंडल लाइट मार्च भी निकाला. वहीं पत्रकारों और दूसरे लोगों ने लंकेश के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया.
गौरी लंकेश के पहले प्रगतिशील कर्नाटक में प्रगतिशील लेखक कलबुर्गी की भी 30 अगस्त 2015 को हत्या कर दी गई थी.
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