कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) के सुरक्षाकर्मियों और एक निजी डॉक्टर के बीच कार निकालने को लेकर हुए विवाद में गाजियाबाद पुलिस ने 9 नवंबर को दोनों पक्षों की FIR दर्ज कर ली है. हालांकि, दोनों ही मुकदमों में आरोपी 'अज्ञात' के नाम से दर्ज है. वहीं कुमार के काफिले पर हमले के प्रयास की बात को पुलिस पहले ही नकार चुकी है.
लेकिन अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि कुमार विश्वास को इस पूरे प्रकरण में सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 10 नवंबर, शुक्रवार को इस संबंध में डॉक्टर पल्लव बाजपेई से हुई मारपीट की कड़े शब्दों में निंदा की है. IMA ने कहा, ये घटना VIP कल्चर में डूबे हुए और Y सिक्योरिटी के मद में चूर अति विशिष्ट व्यक्ति और उनकी टीम के घमंडित व्यवहार का उदाहरण है.
IMA ने कहा कि, किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए मारा गया, क्योंकि वो समय रहते कॉन्वो को निकलने की जगह नहीं दे पाया. ये कृत्य अशोभनीय और अमानवीय है. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कुमार विश्वास ने गाड़ी से बाहर आना जरूरी नहीं समझा और सुरक्षाकर्मी मारपीट करके डॉक्टर को अधमरा छोड़कर चले गए.
आईएमए ने कहा है कि कुमार विश्वास इस केस में माफी मांगें. सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो. एफआईआर में अज्ञात की जगह कुमार विश्वास के सुरक्षाकर्मियों के नाम शामिल किए जाएं.
पीड़ित डॉक्टर पल्लव बाजपेई ने क्या कहा?
डॉक्टर पल्लव बाजपेई ने 4-5 अज्ञात लोगों पर IPC सेक्शन- 147, 148, 392, 323, 504 और 506 के तहत केस दर्ज कर कराया है. डॉक्टर पल्लव के अनुसार, "मैं आरोग्य हॉस्पिटल वैशाली से फ्लोरिस हॉस्पिटल प्रताप विहार की तरफ कार से जा रहा था. रास्ते में पुलिस की गाड़ी ने पास मांगा तो मैंने दे दिया. पुलिस की गाड़ी के पीछे मैंने अपनी गाड़ी ले ली. लेकिन उसके पीछे एक काले रंग की कार भी थी. उसने मेरी गाड़ी के आगे अपनी कार रोक दी. उसमें सवार कुछ गार्ड ने मेरे साथ मारपीट की. मेरी छाती पर लात रखकर गोली मारने की धमकी दी और मेरी घड़ी लेकर चले गए."
सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुई, जिसमें कुछ सुरक्षाकर्मी झाड़ियों में गिरे एक शख्स से हाथापाई करते दिखाई दे रहे हैं.
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