कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को आज पद्मश्री मिलने वाला है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. लेकिन, इस बीच गुलाम नबी ने राजनीति से सन्यास लेने के संकेत दे दिए हैं. रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि हमें समाज में बदलाव लाना है. मैं कभी-कभी सोचता हूं कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक से किसी दिन आपको पता चले कि मैं सन्यास ले चुका हूं और समाज सेवा करने लगा हूं. इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर, राजनीति, रूस-यूक्रेन समेत कई मुद्दों पर बातचीत की.
'राजनीतिक पार्टियों का काम बांटना रह गया है'
उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों का बस काम रह गया है लोगों को धर्म के नाम पर और जाति के नाम पर बांटना. चाहें मेरी पार्टी हो या किसी दूसरे की पार्टी हो. उन्होंने कहा कि पार्टियों को सिविल सोसाइटी से कोई मतलब नहीं रह गया है, बस उन्हें वोट लेना है. उन्होंने सवाल किया कि क्या हम अपनी-अपनी पार्टियों को अलग रखकर हम एक दूसरे के सुख दुख में शामिल नहीं हो सकते. हम इतना नहीं कर सकते हैं. ये हमारा सिविल सोसाइटी का काम नहीं है.
आजाद ने सवाल किया कि अगर इंडस्ट्री नहीं है तो क्या हम सबको उठकर आवाज नहीं देना चाहिए? अगर किसी के साथ अन्याय हो जाए तो वह चाहें किसी भी धर्म या जाति का हो, तो क्या ये हमारा काम नहीं है कि धर्म और जाति अपने जगह पर जाए, लेकिन अन्याय नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति इतनी खराब हो गई है कि कई बार शक होता है कि क्या हम इंसान हैं. हम सब अगर एक शहर को एक प्रांत को ठीक करेंगे, तो हिंदुस्तान ठीक होगा. उन्होंने कहा कि हमने लोगों को इलाके के नाम पर बांट दिया, गांव और शहर के नाम पर बांट दिया.
'कश्मीरी पंडित और कश्मीरी मुस्लिम दोनों ने जान गंवाई है'
जम्मू-कश्मीर को लेकर उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने यहां कई जिंदगियां तबाह कर दी हैं. जिसमें पाकिस्तान बड़ी भूमिका निभा रहा है. आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों, पुलिसकर्मियों को मारा और कई को विधवा बना दिया, फिर चाहे वे कश्मीरी पंडित हों या कश्मीरी मुस्लिम. उन्होंने कहा कि जान गंवाने वाली बात को राजनीतिक रंग देना गलत है, क्योंकि क्षेत्र में सभी लोग आतंकवाद से प्रभावित हैं.
बता दें, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और वरिष्ठ वकील एमके भारद्वाज की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां, पद्म भूषण मिलने के लिए आजाद को सम्मान किया जाना था.
G-23 ग्रुप के नेता हैं गुलाम नबी आजाद
दरअसल, आजाद को कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बागी बने G-23 ग्रुप का नेता भी माना जाता है. हाल ही में उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी से मिलना कोई खबर नहीं है, वह उनसे मिलते रहते हैं.
गुलाम नबी को आज राष्ट्रपति पद्मश्री पुरस्कार से करेंगे सम्मानित
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज यानी सोमवार को गुलाम नबी आजाद को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. राष्ट्रपति भवन से मिली जानकारी के मुताबिक, शाम 5 बजे दरबार हॉल में गणमान्य लोगों की मौजूदगी में उन्हें सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही संस्कृत के विद्वान प्रोफेसर विश्वमूर्ती शास्त्री समेत अन्य कई हस्तियों को पद्म पुरस्कार से साम्मानित किया जाएगा. बता दें, भारत सरकार ने 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर गुलाम नबी आजाद और संस्कृत के विद्वान प्रोफेसर शास्त्री के कार्य को देखते हुए पद्मश्री देने का ऐलान किया था.
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