हिजाब विवाद को लेकर एक खास समुदाय के लोगों ने प्रचारक और संघ सदस्य की पिटाई कर दी थी।
कानपुर (बाहरी) एसपी अजीत कुमार ने घाटमपुर पुलिस को इस संबंध में तेजी से कार्रवाई करने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने को कहा था।
इंस्पेक्टर राम बहादुर पाल ने कहा कि तीन नामित आरोपी, अबरार अहमद, समीर कांडा और शहाबुद्दीन को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन पर आईपीसी की 307 (हत्या का प्रयास) सहित संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। दो और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए जा रहे है।
इस बीच, आरएसएस प्रचारक पर हमले को लेकर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को घाटमपुर कस्बे में धरना प्रदर्शन किया।
बाद में वे एसडीएम कार्यालय पहुंचे और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
बजरंग दल के एक नेता ने कहा कि, ज्ञापन में उन्होंने न केवल आरएसएस प्रचारक पर हमले के लिए जिम्मेदार दोषियों को दंडित करने की मांग की है, बल्कि कर्नाटक के शिमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता धर्मवीर अर्शा की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को फांसी देने की भी मांग की है।
इस बीच अबरार अहमद के परिजन ने दावा किया कि वह निर्दोष है। उन्होंने मीडिया को बताया कि दो महीने पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था और वह ठीक से चल भी नहीं पाते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, वह घटना के दिन शहर में नहीं था।
दो दिन पहले घाटमपुर थाना क्षेत्र के कोटद्वार मोहल्ला के पुराना बाजार में हिजाब विवाद को लेकर दो गुटों में हुई मारपीट में दो लोग घायल हो गए थे।
घायलों में आरएसएस के नगर प्रचारक भी शामिल हैं।
पुलिस ने उसे घाटमपुर सीएचसी में भर्ती कराया, जहां से उसे कानपुर रेफर कर दिया गया।
पुलिस ने बताया था कि रविवार शाम पुराने बाजार में कुछ लोग आपस में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे।
जब कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर चर्चा शुरू हुई, तो यह दो समूहों के लोगों के बीच लड़ाई में बदल गई।
फतेहपुर जिले के हरिहरगंज निवासी आरएसएस नगर प्रचारक भास्कर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि घटना तब हुई जब आरोपियों ने उन पर लाठियों और डंडों से हमला किया।
--आईएएनएस
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