भारत ने सोमवार को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करने की अपील की है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा
हाफिज और उसके आतंकवादी संगठन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई किए जाने की जरूरत है, ताकि एशिया को दो बड़े खतरों- आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा से मुक्त किया जा सके.
इससे पहले पाकिस्तान ने 30 जनवरी 2017 को आतंकी हाफिज को लाहौर में दो हफ्तों तक नजरबंद रखा था. उसके बाद पाकिस्तान ने हाफिज को 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता की लिस्ट में शामिल कर लिया था.
आखिर पाक ने माना आतंकी है हाफिज सईद
इससे पहले मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद को पाकिस्तान ने आतंकवादी मान ही लिया था.
हाफिज सईद का नाम पाक में एटीए की चौथी अनुसूची में शामिल होना इस बात का सबूत है कि संबंधित व्यक्ति का आतंकवाद से कोई ना कोई वास्ता रहा है. इस अनुसूची में शामिल लोगों को विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध झेलना पड़ता है. साथ ही उनकी संपत्तियों की भी जांच की जाती है. अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर तीन साल की कैद और जुर्माना या दोनों हो सकते है.
क्यों आया पाक के रुख में बदलाव?
पाकिस्तान की शाहबाज कलंदर दरगाह पर हुए हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इसके चलते पाकिस्तान सरकार पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का घरेलू दवाब भी था.
साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से पाक पर आतंकी संगठनों को पनाह देने पर उल्टी कार्रवाई का डर, भारत द्वारा इंटरनेशनल फोरम पर पाक की घेराबंदी भी सईद को आतंकी मानने के पीछे की वजह मानी जा रही हैं.
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