देश की GDP ग्रोथ मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2023 में 7.8 फीसदी रही. यह पिछली 4 तिमाहियों यानी एक साल में सबसे अधिक है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से गुरुवार, 31 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद ₹40.37 लाख करोड़ के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही में यह ₹37.44 लाख करोड़ था.
पिछली तिमाही (Q4 FY22-23) में भारत की जीडीपी 6.1 प्रतिशत थी. वहीं पिछले साल जून तिमाही में लो बेस के चलते GDP ग्रोथ 13.1 फीसदी रही थी.
यह क्यों मायने रखता है?
आरबीआई ने 7.8 प्रतिशत (फरवरी और अप्रैल 2023 में) और 8 प्रतिशत (जून और अगस्त 2023 में) की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था. एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कथित तौर पर जून तिमाही के लिए 8.3 प्रतिशत का अनुमान लगाया था.
यह अनुमान विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन को दर्शाता है. इसे बेंचमार्क इंडिकेटर मेथड का इस्तेमाल करके जमा किया जाता है. यानी पिछले वर्ष के लिए उपलब्ध तीन महीने का अनुमान, जिसे बेंचमार्क वर्ष कहा जाता है, क्षेत्रों के प्रदर्शन को दर्शाने वाले प्रासंगिक इंडिकेटर का उपयोग करके निकाला जाता है.
क्या विपरीत परिस्थितियां आने की संभावना है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी पूंजीगत व्यय में कमजोर गति, अल नीनो प्रभाव, कम खनन उत्पादन और सुस्त निर्यात के कारण अगले कुछ तिमाहियों में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर धीमी हो सकती है.
इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की कुल जीडीपी वृद्धि 6-6.8 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था. इस अनुमान के हिसाब से देश सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा. इसके बाद, एनएसओ द्वारा 30 नवंबर 2023 को Q2FY23-24 के लिए तिमाही जीडीपी डेटा जारी करने की उम्मीद है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)